21 मई 2010

२३ : आतंकी हैं हम सभी : संजीव वर्मा 'सलिल'

आतंकी है हम सभी, फैलाते आतंक।
तनिक न सहते असहमति, ज्यों विषधर का डंक।।

फैलाते धुआँ,
ज़हर-भरी हवा,
मौत का कुआँ।

दोषी है कौन?
प्रकृति करे प्रश्न,
छा जाता मौन।

कर पंकज की चाह नित, बिखराते हैं पंक।
आतंकी है हम सभी, फैलाते आतंक।।

जंगल काटे,
पर्वत खोद दिए,
तालाब पाटे।

हैं सर्वभक्षी,
डरते पशु-पक्षी,
असुर-कक्षी।

विश्वासों के तज कुसुम, काँटों संग निशंक।
आतंकी है हम सभी, फैलाते आतंक।।

रूढ़ियाँ-प्रथा,
वर्ण दल या उम्र,
पक्ष-विपक्ष।

दिलों का मेल,
तोड़ देना है खेल,
पीढ़ी का फ़र्क।

यही सभ्यता-संस्कृति, पाखंडों की लंक।
आतंकी है हम सभी, फैलाते आतंक।।
--
संजीव वर्मा 'सलिल'
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यह एक अभिनव प्रयोग है : दोहा-हाइकु-नवगीत
( टीप: स्थाई या टेक: दोहा १३-११ मात्रा x २ , द्विपदी. अंतरा : हाइकु जापानी छंद ५-७-५ मात्रा, त्रिपदी )

6 टिप्‍पणियां:

  1. "कर पंकज की चाह नित, बिखराते हैं पंक।
    आतंकी है हम सभी, फैलाते आतंक।।"

    sach me jyaadatar aisa hi hai....

    kunwar ji,

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  2. दिलों का मेल,
    तोड़ देना है खेल,
    पीढ़ी का फ़र्क।
    सुंदर भाव!

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  3. हिन्दू जगेगा देश जगेगा । मुल्ला सोएगा तभी देश हंसेगा ।

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  4. विमल कुमार हेडा़24 मई 2010 को 9:28 am बजे

    फैलाते धुआँ,
    ज़हर-भरी हवा,
    मौत का कुआँ।

    दोषी है कौन?
    प्रकृति करे प्रश्न,
    छा जाता मौन।
    ये पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी, संजीव वर्मा जी को बहुत बहुत बधाई
    धन्यवाद
    विमल कुमार हेडा़

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  5. आत्मीय जनों!
    वन्दे मातरम.
    इस शारदेय अनुष्ठान में यह अभिनव प्रयोग आपने सराहा तो मेरा कवि-कर्म सफल होता लगा. इस अनुष्ठान की है रचना पर उसी लय और पदभार में कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत कर हर सहभागी रचनाकार की मान वंदना के प्रयास पर भी आपकी सम्मति की प्रतीक्षा है. इन पंक्तियों के साथ-साथ किसी को ठेस पहुँचाये बिना प्रविष्टियों पर अपना संक्षिप्त अभिमत भी इंगित किया है जिसका उद्देश्य साहित्यिक चर्चा मात्र है. संचालक, प्रकाशक और शास्त्री नित्यगोपाल कटारे वास्तव में हम सबके अभिनन्दन के पात्र हैं कि उन्होंने हमें नवगीत को समझने ही नहीं इस विधा में कुछ रचने और बहुत कुछ पढने-समझने का अवसर उपलब्ध कराया. आगामी अंकों में कुछ और प्रयोगों में आपको सहभागी बनाने का प्रयास होगा.
    Acharya Sanjiv Salil

    http://divyanarmada.blogspot.com

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