18 दिसंबर 2013

८. मेरी भी पुकार

मेरी भी पुकार
नव वर्ष जरा सुन लो

पुलकित मन हो
सरसित तन हो
मास खास हो
दिन विशेष हो
आलिंगन मदहोश निशा का
सुखदायी कर दो

मेरी भी पुकार
नव वर्ष जरा सुन लो

प्रमुदित मन हो
हर्षित जन हो
पल में हल हो
कल में बल हो
जीवन आँगन में वैभव की
अमरबेल बो दो

सत्यनारायण सिंह
(मुंबई)

5 टिप्‍पणियां:

  1. सत्यनारायण जी को नवगीत पर सार्थक प्रयास करता हुआ देख कर मन हर्षित है.
    हार्दिक शुभकामनाएँ.
    शुभ-शुभ

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    उत्तर
    1. सादर धन्यवाद, आदरणीय इसे मैं आपकी प्रेरणा का ही प्रतिफल मानता हूँ. भविष्य में आपका स्नेह एवं आशीर्वाद यूँ ही बना रहे

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  2. उत्तर
    1. आदरणीय आपको नवगीत का प्रयास अच्छा लगा सादर धन्यवाद

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