tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post1448354493339434972..comments2024-03-23T00:12:37.328+04:00Comments on नवगीत की पाठशाला: १०. फाग के दिननवगीत की पाठशालाhttp://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-61645251149156985152013-03-22T12:20:45.336+04:002013-03-22T12:20:45.336+04:00है पलाशों के
घरोँ मेँ रंग की छिटकारियाँ
गुलमोहर न...है पलाशों के<br />घरोँ मेँ रंग की छिटकारियाँ <br />गुलमोहर ने सुर्खियोँ की <br />खोल दी अलमारियां... <br />सुन्दर नवगीत के लिए बधाई सीमा अग्रवाल जी।surenderpal vaidyahttps://www.blogger.com/profile/03261070521163322668noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-87785350408597117542013-03-21T09:15:26.160+04:002013-03-21T09:15:26.160+04:00बेह्तरीन अभिव्यक्ति .शुभकामनायें.बेह्तरीन अभिव्यक्ति .शुभकामनायें.Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-29822646641855155332013-03-21T07:30:52.112+04:002013-03-21T07:30:52.112+04:00सुन्दर गीत सीमा जी , ...सुन्दर गीत सीमा जी , हैं पलाशों के <br />घरों मेंरंग की छिटकारियाँ<br />गुलमोहर ने सुर्ख़ियों की <br />खोल दीं अलमारियाँ<br />आम के बौरों पे मोती से चमकते <br />गिर रहे हैंफाग के दिन ...........<br />सुन्दर पंक्तियाँ. सुवर्णा शेखरnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-62343199190341111942013-03-20T19:24:57.239+04:002013-03-20T19:24:57.239+04:00आपकी पोस्ट 21 - 03- 2013 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत ...आपकी पोस्ट 21 - 03- 2013 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है <br />कृपया पधारें ।दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-21876696811682079842013-03-20T18:28:20.877+04:002013-03-20T18:28:20.877+04:00बात या
बिन बात के मुस्कान पहने
तिर रहे हैं फाग के ...बात या<br />बिन बात के मुस्कान पहने<br />तिर रहे हैं फाग के दिन.....<br />बहुत सुंदर गीत ....बधाई मौनhttps://www.blogger.com/profile/10463639652232448648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-2072629403147573802013-03-20T18:25:35.773+04:002013-03-20T18:25:35.773+04:00बात या
बिन बात के मुस्कान पहने
तिर रहे हैं फाग के ...बात या<br />बिन बात के मुस्कान पहने<br />तिर रहे हैं फाग के दिन.....................<br /><br />बहुत सुंदर गीत .....बधाई मौनhttps://www.blogger.com/profile/10463639652232448648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-86062700921939719862013-03-20T18:21:52.944+04:002013-03-20T18:21:52.944+04:00हैं पलाशों के
घरों मेंरंग की छिटकारियाँ
गुलमोहर न...हैं पलाशों के <br />घरों मेंरंग की छिटकारियाँ<br />गुलमोहर ने सुर्ख़ियों की <br />खोल दीं अलमारियाँ<br />आम के बौरों पे मोती से चमकते <br />गिर रहे हैंफाग के दिन<br />वाह क्या बात है. बहुत ही सुन्दर नवगीत. अनोखा प्रकृति चित्रण. हार्दिक बधाई सीमा जी.अनिल वर्मा, लखनऊ.noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-83997517706373632712013-03-20T18:19:13.658+04:002013-03-20T18:19:13.658+04:00poorvi jhoke chale hai ...achcha geet hai badhai poorvi jhoke chale hai ...achcha geet hai badhai कबीर कुटी - कमलेश कुमार दीवानhttps://www.blogger.com/profile/15885065966350572216noreply@blogger.com