tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post2694597496451162520..comments2024-03-23T00:12:37.328+04:00Comments on नवगीत की पाठशाला: ५- कितना कुछ बिखरा पड़ा हैनवगीत की पाठशालाhttp://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-13489481316341165922009-09-09T13:50:45.244+04:002009-09-09T13:50:45.244+04:00मानोशी अभी कोलकाता से लौटी हैं लेकिन उनका मन अभी व...मानोशी अभी कोलकाता से लौटी हैं लेकिन उनका मन अभी वहीं बिखरा पड़ा है। बिना नाम के भी मैं जान गया था कि यह गीत मानोशी का ही है। गीत अच्छा है लेकिन मुक्ता जी की उम्मीद वाली बात से मैं भी सहमत हूँ। फिर भी बधाई!अमिताभ त्रिपाठी ’ अमित’https://www.blogger.com/profile/12844841063639029117noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-8074630079607766422009-09-08T18:59:10.572+04:002009-09-08T18:59:10.572+04:00मानोशी से हमेशा ही कुछ ज्यादा उम्मीदें होती हैं। व...मानोशी से हमेशा ही कुछ ज्यादा उम्मीदें होती हैं। वे अच्छे गीत लिखती रही हैं पर इस गीत में कुछ बिखराव है। फिर भी शीर्षक का निर्वाह अच्छी तरह से करने का प्रयत्न दिखाई देता है। बधाईविनीता का चिट्ठाhttps://www.blogger.com/profile/10089696708728410209noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-13256310286146666332009-09-07T10:45:30.077+04:002009-09-07T10:45:30.077+04:00कितना कुछ बिखरा पड़ा है...
वाह वाह क्या प्यारा ...कितना कुछ बिखरा पड़ा है... <br /><br />वाह वाह क्या प्यारा लखिा है आपने <br />पर आपका नाम प्रकाशित नहीं हो पाया है...<br />नवगीत की यह कार्यशाला सफल हो रही है.<br /><br />आगे भी अच्छे गीतों की उम्मीद है.<br /><br />मीतमीतhttps://www.blogger.com/profile/04299509220827485813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-19799218081923920832009-09-07T07:15:42.330+04:002009-09-07T07:15:42.330+04:00नई पुरानी पुस्तकों में
जाने पहचाने से चेहरे
झाँकते...नई पुरानी पुस्तकों में<br />जाने पहचाने से चेहरे<br />झाँकते शब्दों के माने<br />कुछ सुरों के साज़ गहरे<br />बिखर गये...<br /><br />बाँध दूँ इक तर्ज़ में अब<br />सब जो कुछ उधड़ा पड़ा है...<br /><br />कितना कुछ बिखरा पड़ा है...<br /><br />सुन्दर गीत बहुत बहुत बधाई, धन्याद <br /><br />विमल कुमार हेडाAnonymousnoreply@blogger.com