tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post2812467334304904084..comments2024-03-23T00:12:37.328+04:00Comments on नवगीत की पाठशाला: १० : मन कमल मेरा खिल गया : विमल कुमार हेडानवगीत की पाठशालाhttp://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-54904278955320239292010-08-18T07:51:58.091+04:002010-08-18T07:51:58.091+04:00आचार्य संजीव वर्मा जी एवं शारदा जी आपने गीत पढ़ा पस...आचार्य संजीव वर्मा जी एवं शारदा जी आपने गीत पढ़ा पसन्द किया एवं सुझाव दिये आपका आभार एवं धन्यवाद।<br /><br />साथ ही नवगीत की पाठशाला का भी आभार एवं धन्यवाद जिन्होंने हमें गीत लिखने के लिये प्रेरित किया एवं मंच दिया।<br /><br />विमल कुमार हेड़ा।विमल कुमार हेड़ा।noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-6572813944069139052010-08-12T10:22:32.966+04:002010-08-12T10:22:32.966+04:00सुन्दर गीत है...सुन्दर गीत है...sharda monga (aroma)https://www.blogger.com/profile/02838238451888739255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-85954517883481580492010-08-07T18:51:25.801+04:002010-08-07T18:51:25.801+04:00आचार्य जी , आप ने सही कहा ऐसे ही पूर्वी उत्तर प्रद...आचार्य जी , आप ने सही कहा ऐसे ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में अवधी में गिरस्थी शब्द का प्रयोग होता है.उत्तम द्विवेदीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-61212670523557802692010-08-06T19:57:14.549+04:002010-08-06T19:57:14.549+04:00उत्तम गीत. बुंदेलखंड में 'गिरस्ती' का प्रच...उत्तम गीत. बुंदेलखंड में 'गिरस्ती' का प्रचलन है. यथा: दो दिना की ब्याही और गिरस्तिन बन बैठी. छंद सधते सधते ही सधता है.Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-85135170150562901122010-08-05T18:29:25.199+04:002010-08-05T18:29:25.199+04:00अब गृहस्थी शब्द को सही कर दिया गया है!<b>अब गृहस्थी शब्द को सही कर दिया गया है!</b>नवगीत की पाठशालाhttps://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-17646569282969576552010-08-05T17:16:21.967+04:002010-08-05T17:16:21.967+04:00विमल जी, धन्यवाद , मेरा प्रश्न गृहस्थी शब्द के लिए...विमल जी, धन्यवाद , मेरा प्रश्न गृहस्थी शब्द के लिए नहीं वल्कि गहस्थी शब्द के लिए था जैसा कि पट्ट पर दिखाई दे रहा है. परन्तु अब आप के उत्तर से स्पष्ट है कि यह वर्तनीय त्रुटि है. गृहस्थी शब्द के जो भी शब्द मैंने लिखे वे संभावनाओं पर आधारित थे. सधन्यवाद.उत्तम द्विवेदीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-13795593555013764322010-08-02T08:57:53.653+04:002010-08-02T08:57:53.653+04:00सर्वप्रथम महेन्द्रजी, अक्षिताजी, कन्कयस्थाजी, ब्रह...सर्वप्रथम महेन्द्रजी, अक्षिताजी, कन्कयस्थाजी, ब्रह्माण्डजी, मन्डाल्सजी,<br />उत्तमजी, सूरूचीजी, एवं धर्मेन्द्रजी, आपने गीत पढ़ा पसन्द किया एवं सुझाव दिये आप सभी का आभार एवं धन्यवाद।<br /><br />उत्तमजी ने गृहस्थी शब्द के बारे में पूछा तो मेरे विचार से गृहस्थी शब्द व्यापक रूप में है, वैदिक काल से ही चला आ रहा है, और हिन्दी भाषा का शब्द है, मेने इसे हिन्दी भाषा से ही लिया है न कि कीसी आंचलिक भाषा से <br />जहाँ तक गिरहस्थी शब्द का सवाल है वह आँचलिक न होकर गृहस्थी शब्द का अपभ्रंश है। एवं ग्रहस्थी शब्द का कोई अर्थ नहीं है।<br /><br />धन्यवाद। <br /><br />विमल कुमार हेड़ा।विमल कुमार हेड़ा।noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-79927026030033811682010-07-31T19:04:56.159+04:002010-07-31T19:04:56.159+04:00सुरुचि जी से सहमत हूँ।सुरुचि जी से सहमत हूँ।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-27707993651993651412010-07-31T17:16:29.508+04:002010-07-31T17:16:29.508+04:00प्रयास ठीक है पर मात्राओं और लय को समझने का और प्र...प्रयास ठीक है पर मात्राओं और लय को समझने का और प्रयास करना चाहिये। निरंतर अच्छे नवगीतों को पढ़ने से यह समझ बढ़ती है। उदाहरण के लिये- देख घटा आषाढ़ की <br />मन कमल मेरा खिल गया<br />जब बरसने लगे मेघा <br />लगा सुख सागर मिल गया<br />के स्थान पर<br />देख घटा आषाढ़ की <br />मन कमल मेरा खिल गया<br />जब बरसने लगे मेघा <br />सुख का सागर मिल गया <br />लिखा गया होता तो गीतात्मकता प्रतीत होती, पढ़ने में रुकावट न आती और मात्राओं का भार बराबर होता।suruchihttps://www.blogger.com/profile/17510455285961103373noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-28919555121939563492010-07-29T16:33:46.426+04:002010-07-29T16:33:46.426+04:00सर्वप्रथम एक अच्छे नवगीत के लिए लिए बधाई!
इन पंक्त...सर्वप्रथम एक अच्छे नवगीत के लिए लिए बधाई!<br />इन पंक्तियों ने तो मन को मोह लिया...<br /><br />बोया पसीना फसल ऊगाई <br />चौमासे के जल पर<br /><br />गृहस्थी का आंचलिक शब्द संभवतः गिरहस्थी या ग्रहस्थी होना चाहिए गहस्थी समझ में नहीं आया.इसे अन्यथा न लें क्योंकि आंचलिक शब्द तो अलग होते ही हैं,यदि स्पष्ट करेंगे तो मेरा ज्ञानवर्धन होगा .उत्तम द्विवेदीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-71924219695063048052010-07-29T16:22:30.952+04:002010-07-29T16:22:30.952+04:00धरापुत्र की गहस्थी
चलती मेघों के दम पर
जो बिन गरज...धरापुत्र की गहस्थी <br />चलती मेघों के दम पर<br />जो बिन गरजे बरसे <br />ऐसे वादों के बल पर<br />दिन उगता दिन ढलता <br />सारा खेतों में हल पर<br />बोया पसीना फसल ऊगाई <br />चौमासे के जल पर<br /><br />जो भरे सरिता सागर सब <br />लगा भगवान मिल गाया<br />देख घटा आषाढ़ की ...<br />--<br />एक सुरूचिपूर्ण अभिव्यक्ति विमल भाई<br />बधाई।mandalsshttps://www.blogger.com/profile/18435280180094938316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-23067392511536651042010-07-28T18:44:40.506+04:002010-07-28T18:44:40.506+04:00सुन्दर नवगीत......
बोया पसीना फसल ऊगाई
चौमासे के...सुन्दर नवगीत......<br /><br />बोया पसीना फसल ऊगाई <br />चौमासे के जल पर<br /><br />सुन्दर पन्क्तियांब्रह्माण्डhttps://www.blogger.com/profile/10010006050067700194noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-68898967517156606722010-07-28T09:25:05.033+04:002010-07-28T09:25:05.033+04:00kitni achchhi aur bhavpurn... Shree Vimal Heda aur...kitni achchhi aur bhavpurn... Shree Vimal Heda aur Navgeet dono ko dhanywad... aur badhaiyaan...Neeraj Kumarhttps://www.blogger.com/profile/14312648658352009451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-92101603500593049472010-07-28T06:47:38.639+04:002010-07-28T06:47:38.639+04:00कित्ता सुन्दर गीत है...
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...कित्ता सुन्दर गीत है...<br />_________________________<br />'पाखी की दुनिया ' में बारिश और रेनकोट...Rain-Rain go away..Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-48485038953295440262010-07-27T18:34:07.046+04:002010-07-27T18:34:07.046+04:00बढ़िया रचना ...बढ़िया रचना ...समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.com