tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post3735580346948531510..comments2024-03-23T00:12:37.328+04:00Comments on नवगीत की पाठशाला: १. मनवा क्यों नाच रहानवगीत की पाठशालाhttp://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-43693456102188870752011-09-17T20:52:17.463+04:002011-09-17T20:52:17.463+04:00सुंदर नवगीत के लिए हार्दिक बधाईसुंदर नवगीत के लिए हार्दिक बधाईmandalsshttps://www.blogger.com/profile/18435280180094938316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-16040286437739922572011-07-26T18:27:35.381+04:002011-07-26T18:27:35.381+04:00हरिहर जी बहुत ही उत्तम नव गीत है
मछली से आन फँसे
स...हरिहर जी बहुत ही उत्तम नव गीत है<br />मछली से आन फँसे<br />सिक्कों की जाली पर<br />सुंदर बिम्बों से सजा ये नवगीत बहुत ही उत्तम है <br />सादर<br />रचनाRachanahttps://www.blogger.com/profile/15249225250149760362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-19082878453932927602011-07-25T21:45:11.209+04:002011-07-25T21:45:11.209+04:00इस सुन्दर गीत हेतु मेरी बधाई स्वीकारें.इस सुन्दर गीत हेतु मेरी बधाई स्वीकारें.अवनीश सिंह चौहान / Abnish Singh Chauhanhttps://www.blogger.com/profile/05755723198541317113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-34877883933847404782011-07-25T21:39:04.999+04:002011-07-25T21:39:04.999+04:00वाह...वाह...
प्रारम्भ ही एक सुंदर नवगीत के साथ हु...वाह...वाह... <br />प्रारम्भ ही एक सुंदर नवगीत के साथ हुआ है...<br /><br />हरिहर झा जी को बधाई <br />और आभार..गीता पंडितhttps://www.blogger.com/profile/17911453195392486063noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-34717405142617553132011-07-25T14:16:33.576+04:002011-07-25T14:16:33.576+04:00बहुत सुंदर नवगीत, कई सारे नए बिंब और प्रतीकों से स...बहुत सुंदर नवगीत, कई सारे नए बिंब और प्रतीकों से सजे इस शानदार नवगीत के लिए हरिहर जी को बहुत बहुत बधाई।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-44004301767548306342011-07-25T07:45:56.435+04:002011-07-25T07:45:56.435+04:00भाई हरिहर झा जी का यह गीत वर्तमान विसंगतियों और मन...भाई हरिहर झा जी का यह गीत वर्तमान विसंगतियों और मनुष्य की आज की जिजीविषा की विडंबना का बखूबी विवेचन करती है| इस दृष्टि से यह एक श्रेष्ठ नवगीत है| साधुवाद हरिहर जी को और 'नवगीत पाठशाला' को भी इस नवगीत से शुभारंभ करने हेतु| <br />कुमार रवीन्द्रKumar Ravindrahttps://www.blogger.com/profile/11831047873400154921noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-75936067499951199192011-07-25T06:02:44.167+04:002011-07-25T06:02:44.167+04:00नवगीत के इस सत्र का श्री गणेश एक उत्तम प्रविष्टि स...नवगीत के इस सत्र का श्री गणेश एक उत्तम प्रविष्टि से हुआ है<br />मछली से आन फँसे<br />सिक्कों की जाली पर<br />यह प्रवासी भारतीयों के साथ निवासी भारतीयों की भी त्रासदी है. विडम्बना है कि हम लोक कल्याणकारी समाजवादी राज्य की राह पर यात्रा आरंभकर अब अघोषित पूंजीवादी पथ पर हैं. बधाई सारगर्भित रचना हेतु.Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-1749466773949939342011-07-25T05:23:32.835+04:002011-07-25T05:23:32.835+04:00भाई हरिहर झा जी बहुत सुन्दर नवगीत लिखा है अपने बधा...भाई हरिहर झा जी बहुत सुन्दर नवगीत लिखा है अपने बधाई |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.com