tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post4580476043329053633..comments2024-03-23T00:12:37.328+04:00Comments on नवगीत की पाठशाला: ८. और... रंग में भीगे दिननवगीत की पाठशालाhttp://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-37393472879289107922013-04-05T21:19:48.355+04:002013-04-05T21:19:48.355+04:00बहुत सुंदर नवगीत
बहुत सुंदर नवगीत <br /><br /> <br /><br />Jyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-35877183182892518652013-03-22T16:50:44.323+04:002013-03-22T16:50:44.323+04:00एक सुन्दर नवगीत , सदा की तरह ...
देखो सजनी,
हवा हु...एक सुन्दर नवगीत , सदा की तरह ...<br />देखो सजनी,<br />हवा हुई वृन्दावन है <br />खिली चाँदनी लगती <br />रोली-चन्दन है ........सुवर्णाnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-20669839133723113582013-03-20T08:52:39.655+04:002013-03-20T08:52:39.655+04:00देखो सजनी,
हवा हुई वृन्दावन है
खिली चाँदनी लगती
...देखो सजनी,<br />हवा हुई वृन्दावन है <br />खिली चाँदनी लगती <br />रोली-चन्दन है <br />हमेशा की तरह अतिसुन्दर नवगीत पढ़वाने के लिये हार्दिक धन्यवाद.<br />अनिल वर्मा, लखनऊ.noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-51544318919054421422013-03-19T20:39:40.508+04:002013-03-19T20:39:40.508+04:00इस गीत पर कुछ कहना सूरज को रोशनी दिखाना है ...&quo...इस गीत पर कुछ कहना सूरज को रोशनी दिखाना है ..."इंद्रधनुष-फूलों पर<br />भौरों की गुनगुन<br />गूँज रही साँसों में<br />मीठी वंशीधुन<br /><br />पहली रितु की<br />याद जगी ख़ुद को बिसराये<br />हम बौराये " यह पंक्तियाँ किसी को भी सब कुछ बिसरा देने को मजबूर कर सकती हैं ...जादुई है आपकी कलम. आपको नमन.परमेश्वर फूंकवालnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-44138246885569549312013-03-19T11:52:02.750+04:002013-03-19T11:52:02.750+04:00बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति,आभार.बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति,आभार.Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-81483486896995725302013-03-19T10:30:45.196+04:002013-03-19T10:30:45.196+04:00मधुर अनुगूँज से मन को लुभाता हुआ अति सुंदर नवगीत.....मधुर अनुगूँज से मन को लुभाता हुआ अति सुंदर नवगीत....कल्पना रामानीhttps://www.blogger.com/profile/17587173871439989311noreply@blogger.com