tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post5463978452503235173..comments2024-03-23T00:12:37.328+04:00Comments on नवगीत की पाठशाला: १०. बहुत घुटन हैनवगीत की पाठशालाhttp://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-85342319401415505422011-09-17T21:06:39.683+04:002011-09-17T21:06:39.683+04:00हर माँ अपना राम जोहती
कटता क्यों बनवास नहीं
मेहनत...हर माँ अपना राम जोहती<br />कटता क्यों बनवास नहीं <br />मेहनत की सीता भी भूखी<br />कटता क्यों उपवास नहीं <br /><br />बाबा की सूनी<br />आँखों में, <br />चुभता तिमिर भगाने दो <br />डा० राधेश्याम बंधुजी को इस प्रेरणापूर्ण नवगीत के लिए आभारmandalsshttps://www.blogger.com/profile/18435280180094938316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-1988328439105799242011-08-24T09:49:51.574+04:002011-08-24T09:49:51.574+04:00ऊंचे- ऊँचे भवन उठ रहे
पर आंगन का नाम नहीं,
चमक - द...ऊंचे- ऊँचे भवन उठ रहे<br />पर आंगन का नाम नहीं,<br />चमक - दमक आपा- धापी है<br />पर जीवन का नाम नहीं <br /><br />लौट न जाये<br />सूर्य द्वार से, <br />नया सबेरा लाने दो Bahut acchii pantiyaan Nice<br />PrabhudayalAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-31588673590829239072011-08-23T20:38:59.798+04:002011-08-23T20:38:59.798+04:00एक अच्छे नवगीत के लिए बधाई!
बहुत घुटन है
बंद घरो म...एक अच्छे नवगीत के लिए बधाई!<br />बहुत घुटन है<br />बंद घरो में, खुली हवा तो आने दो<br />संशय की खिड़कियाँ<br />खोल दो, किरनों को मुस्काने दो<br />--- सुन्दर मुखड़ाउत्तम द्विवेदीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-37767133517109123922011-08-23T15:52:05.502+04:002011-08-23T15:52:05.502+04:00बहुत सुन्दर नवगीत लगा। इस नवगीत में आपने बहुत ही ख...बहुत सुन्दर नवगीत लगा। इस नवगीत में आपने बहुत ही खूबसूरत तरीके से आज के संदर्भ की तुलना की है, उदाहरण भी अच्छे दिए है। बहुत बधाई।arbudahttps://www.blogger.com/profile/17056310326068841113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-86576668406060437272011-08-23T08:57:41.311+04:002011-08-23T08:57:41.311+04:00गुमसुम गलियों में
ममता की
खुशबू तो बिखराने दो
व...गुमसुम गलियों में <br />ममता की <br />खुशबू तो बिखराने दो<br /><br />वाह...वाह...<br /><br />बहुत सुंदर नवगीत...बधाई आपको...गीता पंडितhttps://www.blogger.com/profile/17911453195392486063noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-52613237515642100662011-08-22T20:25:28.651+04:002011-08-22T20:25:28.651+04:00डा० राधेश्याम बंधु सक्रिय नवगीतकार हैं परन्तु नवगी...डा० राधेश्याम बंधु सक्रिय नवगीतकार हैं परन्तु नवगीत की पाठशाला पर उनका यह पहला नवगीत है, स्वागत है बंधु जी का। बहुत सुन्दर नवगीत है बंधु जी का ....... बहुत बहुत वधाई डा० बंधु जी को।डा० जगदीश व्योमhttp://www.navgeet.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-38547489327182716192011-08-22T18:45:13.096+04:002011-08-22T18:45:13.096+04:00हार्दिक बधाई श्रेष्ठ नवगीत के लिए
श्रेष्ठ नवगीत क...हार्दिक बधाई श्रेष्ठ नवगीत के लिए<br /><br />श्रेष्ठ नवगीत के लिए<br /><br />waah... waah...Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-61712079074760397542011-08-22T08:47:38.894+04:002011-08-22T08:47:38.894+04:00बहुत सुंदर नवगीत है ये राधेश्याम जी का। हार्दिक बध...बहुत सुंदर नवगीत है ये राधेश्याम जी का। हार्दिक बधाई उन्हें इस नवगीत के लिए।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-28149697784643698562011-08-22T08:18:42.967+04:002011-08-22T08:18:42.967+04:00साधुवाद भाई राधेश्याम बन्धु को इस श्रेष्ठ नवगीत के...साधुवाद भाई राधेश्याम बन्धु को इस श्रेष्ठ नवगीत के लिए| कुछ पंक्तियाँ निश्चित ही स्मरणीय हैं, यथा - <br /><br />हर माँ अपना राम जोहती<br />कटता क्यों बनवास नहीं <br />मेहनत की सीता भी भूखी<br />कटता क्यों उपवास नहीं <br />... ... ... <br />गुमसुम गलियों में <br />ममता की <br />खुशबू तो बिखराने दोkumar ravindrahttp://nvgeetpathshala.blogspot.comnoreply@blogger.com