tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post5931503979400182430..comments2024-03-23T00:12:37.328+04:00Comments on नवगीत की पाठशाला: 13- हरि शर्मानवगीत की पाठशालाhttp://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-5378334349679921542009-05-26T14:44:51.175+04:002009-05-26T14:44:51.175+04:00achchha geet likha hai
badhaeachchha geet likha hai<br />badhaeAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09682699761360925875noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-91214694698979125162009-05-23T19:34:24.543+04:002009-05-23T19:34:24.543+04:00हरि शर्मा जी का यह नवगीत भावी नवगीत की पृष्ठभूमि ब...हरि शर्मा जी का यह नवगीत भावी नवगीत की पृष्ठभूमि बनेगा ऐसी मुझे उम्मीद है। डॅा. व्योमhttps://www.blogger.com/profile/10667912738409199754noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-64029229675877659822009-05-23T13:36:55.182+04:002009-05-23T13:36:55.182+04:00मंजर बदले आँखे बदली
यात्री बदले मंजिल बदली
आँखों क...मंजर बदले आँखे बदली<br />यात्री बदले मंजिल बदली<br />आँखों के सब सपने बदले<br />बदला मौसम आँगन बदले<br />ओठों के सब गाने बदले<br />मांझी बदले बदली नैया<br />मगर प्यार का रंग ना बदला <br /><br />बहुत बढ़िया...दीपिका जोशी 'संध्या'https://www.blogger.com/profile/12808052661092589035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-70558057563489282892009-05-22T19:11:23.865+04:002009-05-22T19:11:23.865+04:00बधाई हरी शर्मा जी अच्छे गीत के लिये. नवगीत की संभा...बधाई हरी शर्मा जी अच्छे गीत के लिये. नवगीत की संभावनाओं के निकट है ये गीत लेकिन माफ करियेगा दूसरा बन्द कुछ जमा नहीं अगर कवि का मन भी अश्लीलता को देखकर ता-ता थैया करेगा तो कैसे काम चलेगा.मुझे डा कुंअर बेचॆन का एक शेर याद आ रहा है...<br />बात अच्छी हो तो उसकी जगह चर्चा करो.<br />हो बुरी तो दिल में रक्खो फिर उसे अच्छा करो. <br />हम लोग मूल्यों के लिये लिखते हैं अवमूल्यन या सिर्फ लिखने के लिये नहीं. बडा गुरुत्तर दायित्व है हम पर. भांड या मसखरे नहीं हैं हम. आशा है बुरा नहीं मानेंगे.....sanjiv gautamhttp://www.sanjivgautam.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-6498458791073164022009-05-22T18:45:06.905+04:002009-05-22T18:45:06.905+04:00कटारे जी, पूर्णिमा वर्मन जी,कमल जी, रंजना जी, राजर...कटारे जी, पूर्णिमा वर्मन जी,कमल जी, रंजना जी, राजरिशी जी - बिल्कुल आप सभी के सुझाब सहज स्वीकार्य हैं. इस तरह का ये पहला प्रयास है. इस तरह का ये पहला प्रयास है. आभार पूर्णिमा जी का जिन्होंने इस हेतु प्रेरित किया.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13199219119636372821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-35208567759718681592009-05-19T21:29:00.000+04:002009-05-19T21:29:00.000+04:00कटारे जी का सुझाव जबरदस्त है
एक सुझाव की गुस्ताखी...कटारे जी का सुझाव जबरदस्त है<br /><br />एक सुझाव की गुस्ताखी मैं भी करूँ?<br /><br /><B>"हुआ जगत का अजब रवैया"</B> भी कर सकते हैं<br /><br />बदले लक्ष्य बदल गये साधन<br />हुआ जगत का अजब रवैयागौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-77913425731271013942009-05-19T17:01:00.000+04:002009-05-19T17:01:00.000+04:00Waah !! Bahut sundar...
Sundar kataksh ...Waah !! Bahut sundar...<br /><br />Sundar kataksh ...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-46894664325760596312009-05-19T15:17:00.000+04:002009-05-19T15:17:00.000+04:00बहुत सुन्दर गीत है.
बधाई.बहुत सुन्दर गीत है.<br />बधाई.kamal ashiquehttps://www.blogger.com/profile/11123548378417844382noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-64457476369202731092009-05-18T22:18:00.000+04:002009-05-18T22:18:00.000+04:00वाह! खूब व्यंग्य है। बढ़िया लिखा है। शास्त्री जी क...वाह! खूब व्यंग्य है। बढ़िया लिखा है। शास्त्री जी की सलाह पर भी ध्यान दें।पूर्णिमा वर्मनhttps://www.blogger.com/profile/06102801846090336855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-40640971396753730242009-05-18T21:50:00.000+04:002009-05-18T21:50:00.000+04:00रि शर्मा जी के नवगीत में विविधता है कथ्य भी सुन्दर...रि शर्मा जी के नवगीत में विविधता है कथ्य भी सुन्दर है लय भी पूर्णतः सधी हुई है। गीत के दो अन्तरों की छटवीं पंक्ति का समापन थैया, नैया जो कि भेया से तुकान्त किया है.किन्तु पहले अन्तरे में "देखे सभी बदलते हमने " है जो ठीक नहीं लग रहा है । इसे "देखे बिन पतवार खिबैया " जैसा कुछ किया जा सकता है।कटारेhttps://www.blogger.com/profile/15644985829200000634noreply@blogger.com