tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post5948241891282439327..comments2024-03-23T00:12:37.328+04:00Comments on नवगीत की पाठशाला: ०१ : अब तो जागिए : हरिशंकर सक्सेनानवगीत की पाठशालाhttp://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-16862949765935518072010-05-11T13:27:44.342+04:002010-05-11T13:27:44.342+04:00आ रहा है धुंध का सैलाब!
हर सुरक्षा लग रही है ख्वा...<b>आ रहा है धुंध का सैलाब! <br />हर सुरक्षा लग रही है ख्वाब!<br />दाँव पर लगती वतन की आब!<br />रैलियों में बँट रहा तेज़ाब! <br />-- <br />ऐसी विषम परिस्थितियों में जागरण का आह्वान करते <br />और अपनी हर पंक्ति में एक अभिनव बिंब <br />या उसका नव्य प्रस्तुतीकरण संजोए <br />एक अति शक्तिशाली नवगीत से कार्यशाला का प्रारंभ <br />एक सुखद आशा का संचार कर रहा है!</b>रावेंद्रकुमार रविhttps://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-2479138178659583782010-05-07T21:22:08.021+04:002010-05-07T21:22:08.021+04:00लिख दिया है
गीत मनहर है -
आपने यह मानिये...
गीत क...लिख दिया है<br />गीत मनहर है -<br />आपने यह मानिये...<br /><br />गीत की लय बिम्ब भाषा<br />लगी है चोखी मुझे.<br />तनिक टटकापन सुहागा<br />सोने में होता सलिल.दिव्य नर्मदा divya narmadahttps://www.blogger.com/profile/17701696754825195443noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-63040607364995217062010-05-04T16:17:27.123+04:002010-05-04T16:17:27.123+04:00प्रवाह और लय के साथ-साथ आतंक से उत्पन्न शोचनीय अवस...प्रवाह और लय के साथ-साथ आतंक से उत्पन्न शोचनीय अवस्था का सजीव चित्रण करती हुई एक बहुत ही प्रभावी रचना के लिये धन्यावाद ।<br />शशि पाधाशशि पाधाnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-18544900557968800002010-05-03T12:39:45.514+04:002010-05-03T12:39:45.514+04:00आ रहा है -
धुंध का सैलाब।
अब तो जागिए ........... ...आ रहा है -<br />धुंध का सैलाब।<br />अब तो जागिए ........... <br />-----------<br />रैलियों में<br />बँट रहा तेज़ाब।<br />अब तो जागिए ........... <br />सुन्दर गीत के लिए बहुत बहुत बधाई धन्यवाद<br />विमल कुमार हेडाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-17383624375381218642010-05-02T02:38:17.510+04:002010-05-02T02:38:17.510+04:00सोये को तो जगाना पड़ता है.
पर सेने का बहाना करने व...सोये को तो जगाना पड़ता है.<br />पर सेने का बहाना करने वालों को कैसे उठाईयेगा?sharda monga (aroma)https://www.blogger.com/profile/02838238451888739255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-22710693025774884452010-05-01T19:56:32.262+04:002010-05-01T19:56:32.262+04:00बहुत सहजता से लिखा है ये नवगीत ....सुन्दर अभिव्यक्...बहुत सहजता से लिखा है ये नवगीत ....सुन्दर अभिव्यक्तिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-48726059230348263852010-04-30T16:28:26.181+04:002010-04-30T16:28:26.181+04:00रैलियों में /बँट रहा तेज़ाब/अब तो जागिए ..भाई हरिश...रैलियों में /बँट रहा तेज़ाब/अब तो जागिए ..भाई हरिशंकर सक्सेना जी की ये पंक्तियाँ बहुत कुछ कह जाती हैं ।सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-40796852916242593732010-04-30T11:59:12.180+04:002010-04-30T11:59:12.180+04:00आज घर की लाज चहुँदिश
कीचकों से त्रस्त है।
रहनुमा...आज घर की लाज चहुँदिश <br />कीचकों से त्रस्त है। <br />रहनुमाई राग-रंग की <br />वीथियों में मस्त है। <br /> <br />आतंक का यह रूप चिंतनीय है. क्योंकि -<br /> और तो औरों से आया है <br /> ए दर्द तो अपनों नें ढाया है.<br />बधाई!उत्तम द्विवेदीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-12751081732276519512010-04-30T10:42:50.109+04:002010-04-30T10:42:50.109+04:00मुस्कुराती गंध
नफ़रत की हवा में खो गई।
आस्था भी ...मुस्कुराती गंध <br />नफ़रत की हवा में खो गई। <br />आस्था भी गोधरा-सी <br />रक्तरंजित हो गई। <br /><br />रैलियों में <br />बँट रहा तेज़ाब। <br />अब तो जागिए <br />सुन्दर नवगीत बधाई! <br />...........mandalsshttps://www.blogger.com/profile/18435280180094938316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-71941522825228741252010-04-30T06:13:09.487+04:002010-04-30T06:13:09.487+04:00क्या बात है, क्या नवगीत है
क्या प्रवाह, क्या लय
क्...क्या बात है, क्या नवगीत है<br />क्या प्रवाह, क्या लय<br />क्या गीत है<br /><br />बधाई होनिर्मल सिद्धु - हिन्दी राइटर्स गिल्डhttps://www.blogger.com/profile/00687131788304321412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-68745576684927116882010-04-30T06:03:54.170+04:002010-04-30T06:03:54.170+04:00बहुत सुन्दर नवगीत है!
बधाई!बहुत सुन्दर नवगीत है!<br />बधाई!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-59638457331126108342010-04-29T18:17:05.059+04:002010-04-29T18:17:05.059+04:00रैलियों में
बँट रहा तेज़ाब।
अब तो जागिए ...........रैलियों में <br />बँट रहा तेज़ाब। <br />अब तो जागिए ........... <br /><br />अब नहीं जागेंगे तो कब जागेंगे<br />बेहतरीनM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.com