tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post6902676530126146726..comments2024-03-23T00:12:37.328+04:00Comments on नवगीत की पाठशाला: १- हिलमिल दीपावली मना रेनवगीत की पाठशालाhttp://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-47296883788289294282009-11-13T22:08:30.330+04:002009-11-13T22:08:30.330+04:00उत्साहवर्धन हेतु आप सभी का आभार.उत्साहवर्धन हेतु आप सभी का आभार.Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-4985261192371358022009-11-11T05:47:21.998+04:002009-11-11T05:47:21.998+04:00तन-दीपक
मन बाती प्यारे!
प्यास तेल को
मत छलका रे.
श...तन-दीपक<br />मन बाती प्यारे!<br />प्यास तेल को<br />मत छलका रे.<br />श्वासा की<br />चिंगारी लेकर,<br />आशा जीवन- <br />bahut khub <br />aap ke liye kya likhun ek ek shabd ek ek line bhav purn hai<br />badhai <br />saader<br />rachanarachananoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-54455989684138446462009-11-04T03:57:57.762+04:002009-11-04T03:57:57.762+04:00तन दीपक
मन बाती प्यारे
प्यास तेल को
मत छलका रे,
ब...तन दीपक<br />मन बाती प्यारे<br />प्यास तेल को<br />मत छलका रे,<br /><br />बहुत सुन्दर रचना है। बधाई हो, सलिल जीनिर्मल सिद्धु - हिन्दी राइटर्स गिल्डhttps://www.blogger.com/profile/00687131788304321412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-40561880897139292562009-11-03T18:12:14.400+04:002009-11-03T18:12:14.400+04:00अत्यन्त सुन्दर नवगीत के लिये सलिल जी को साधुवाद। अ...अत्यन्त सुन्दर नवगीत के लिये सलिल जी को साधुवाद। अच्छे कथ्य को निर्बाध प्रवाह सधी हुई लय में व्यक्त करना सचमुच कठिन होता है जो इस गीत में साफ साफ दिखाई दे रहा है। पुनः शुभकामना।कटारेhttps://www.blogger.com/profile/15644985829200000634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-75639013507243861312009-11-02T23:25:21.464+04:002009-11-02T23:25:21.464+04:00सुंदर रचना।सुंदर रचना।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-64727708837358034122009-11-02T20:57:15.491+04:002009-11-02T20:57:15.491+04:00नवगीत की शास्त्रीयता के विषय में तो विशेषज्ञ ही रा...नवगीत की शास्त्रीयता के विषय में तो विशेषज्ञ ही राय देंगे लेकिन निम्न पंक्तियाँ विशेष अर्थपूर्ण लगीं। रचनाकार को बधाई!<br /><b><br />तम प्रकाश के<br />तले पल रहा,<br />किन्तु निराश<br />न होना किंचित<br />नित नव<br />आशा-दीप जला रे.<br /></b><br />सादरअमिताभ त्रिपाठी ’ अमित’https://www.blogger.com/profile/12844841063639029117noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-42159918784645612392009-11-02T16:27:13.794+04:002009-11-02T16:27:13.794+04:00वाह सलिल जी को तो मानना पड़ेगा। क्या प्रवाह है गीत ...वाह सलिल जी को तो मानना पड़ेगा। क्या प्रवाह है गीत में। एक आशा,उल्लास एवं विश्वास से भरपूर रचना के लिए सलिल जी को बहुत बहुत बधाई।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.com