tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post7057253630191819360..comments2024-03-23T00:12:37.328+04:00Comments on नवगीत की पाठशाला: २२ : हँसते रहे दरिंदे : चंद्रेश गुप्तनवगीत की पाठशालाhttp://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-79556013287105516452010-05-24T18:51:33.714+04:002010-05-24T18:51:33.714+04:00गीत:
मिला न उनको पानी....
संजीव 'सलिल'
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2...गीत:<br />मिला न उनको पानी....<br />संजीव 'सलिल'<br />*<br />200174800rPOZRt_fs.jpg<br />*<br />छलनेवाले, छले गए<br />कह-सुन नित नयी कहानी.<br />आग लगाते रहे, जले<br />जब- मिला न उनको पानी....<br />*<br />नफरत के खत लिखे अनगिनत<br />प्रेम संदेश न भेजा.<br />कली-कुसुम को कुचला लेकिन<br />काँटा-शूल सहेजा.<br /><br />याद दिलाई औरों को, अब<br />याद आ रही नानी....<br />*<br />हरियाली के दर पर होती<br />रेगिस्तानी दस्तक.<br />खाक उठायें सिर वे जिनका <br />सत्ता-प्रति नत मस्तक.<br /><br />जान हथेली पर ले, भू को<br />पहना चूनर धानी....<br />*<br />अपनी फ़िक्र छोड़कर जो<br />करते हैं चिंता सबकी.<br />पाते कृपा वही ईश्वर, गुरु,<br />गोड़, नियति या रब की.<br /><br />नहीं आँख में, तो काफी<br />मरने चुल्लू भर पानी....<br />*****<br />सारगर्भित गीत. पद के भार तथा भाषा के प्रवाह को साधें.<br />Acharya Sanjiv Salil<br /><br />http://divyanarmada.blogspot.comDivya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-35855818975431601592010-05-24T18:38:16.232+04:002010-05-24T18:38:16.232+04:00छलनेवाले, छले गए
कह-सुन नित नयी कहानी.
आग लगाते रह...छलनेवाले, छले गए<br />कह-सुन नित नयी कहानी.<br />आग लगाते रहे, जले<br />जब- मिला न उनको पानी....<br />*<br />नफरत के खत लिखे अनगिनत<br />प्रेम संदेश न भेजा.<br />कली-कुसुम को कुचला लेकिन<br />काँटा-शूल सहेजा.<br /><br />याद दिलाई औरों को, अब<br />याद आ रही नानी....<br />*<br />हरियाली के दर पर होती<br />रेगिस्तानी दस्तक.<br />खाक उठायें सिर वे जिनका <br />सत्ता-प्रति नत मस्तक.<br /><br />जान हथेली पर ले, भू को<br />पहना चूनर धानी....<br />*<br />अपनी फ़िक्र छोड़कर जो<br />करते हैं चिंता सबकी.<br />पाते कृपा वही ईश्वर, गुरु,<br />गोड़, नियति या रब की.<br /><br />नहीं आँख में, तो काफी<br />मरने चुल्लू भर पानी....<br />*****<br />सारगर्भित गीत. पद के भार तथा भाषा के प्रवाह को साधें.Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-74161275918990693472010-05-24T14:53:01.049+04:002010-05-24T14:53:01.049+04:00बहुत सुन्दर नवगीतबहुत सुन्दर नवगीतकटारेhttps://www.blogger.com/profile/15644985829200000634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-35829436495652455872010-05-20T22:51:06.304+04:002010-05-20T22:51:06.304+04:00सन्नाटे में खौफ़ लिखा है
हर यात्रा अनजानी
अद्भुत।सन्नाटे में खौफ़ लिखा है<br />हर यात्रा अनजानी<br />अद्भुत।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-7881669884820499512010-05-20T18:41:54.383+04:002010-05-20T18:41:54.383+04:00मेजों पर टँग गए खिलौने
घायल हुए परिंदे
रक्त सनी मु...मेजों पर टँग गए खिलौने<br />घायल हुए परिंदे<br />रक्त सनी मुट्ठियाँ उठाए<br />हँसते रहे दरिंदे<br />nihshabd kar diya aapne to...bahut sundar udvelit karti kavita....दिलीपhttps://www.blogger.com/profile/15304203780968402944noreply@blogger.com