tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post8113289627930044796..comments2024-03-23T00:12:37.328+04:00Comments on नवगीत की पाठशाला: कार्यशाला- १७, शहर का एकांतनवगीत की पाठशालाhttp://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-88685422298981680082011-07-23T08:41:09.573+04:002011-07-23T08:41:09.573+04:00यक़ीनन बहुत ही रोमांचक होगा यह विषय। अभी तक पलाश ...यक़ीनन बहुत ही रोमांचक होगा यह विषय। अभी तक पलाश में जो भी रचनाएँ पढ़ी हैं,उत्कृष्ट लगीं। पर एक संदेह है, वैसे रचनाकार का अपना सृजन है पर चूँकि यह गीत है भले ही नवगीत पर गेय होगा ऐसा मानने को मन शंकित है और नहीं भी इसलिए की नवगीतों का अपना एक अंदाज होता है। जैसे फिल्म घरौंदा का गीत ' एक अकेला इस शहर में----' आशा है अच्छी रचनाओं का ज़खीरा होगा यह विषय, मेरी शुभकामनायें।गोपाल कृष्ण भट्ट 'आकुल'https://www.saannidhya.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-43080839856126183842011-07-11T09:29:44.025+04:002011-07-11T09:29:44.025+04:00एकांत और अकेलापन -ये विरोधी मनस्थितियाँ कई बार एक ...एकांत और अकेलापन -ये विरोधी मनस्थितियाँ कई बार एक साथ उपस्थित होती हैं, विशेष रूप से जहाँ स्वयं की पहचान के खो जाने का खतरा सबसे अधिक होता है जैसे एक महानगरी के महाहाट के भीड़भाड़ भरे परिवेश में| वस्तुतः यह समस्या दोहरी है - एक ओर है स्वयं के व्यक्तित्त्व के बिला जाने का भय और दूसरी ओर है किसी नितांत अपने संगी का न होना, जो हमारे सुख-दुख का सहज साक्षी हो सके| नवगीत में इस महासंकट का ज़िक्र अलग-अलग पहलुओं से बड़े ही सशक्त रूप में हुआ है| महानगरीय जिजीविषा की एक त्रासदी यही रही है| नवगीत पाठशाला में इस विषय को एक बार फिर उठाना जहाँ एक ओर नवगीत को इन सन्दर्भों से पुनः जोड़ना है, वहीँ दूसरी ओर पहले की मनस्थितियों की पुनरावृत्ति भी है| मेरी राय में रोचक रहेगा यह सन्दर्भ|Kumar Ravindrahttps://www.blogger.com/profile/11831047873400154921noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-49058808233123590562011-07-09T14:54:00.610+04:002011-07-09T14:54:00.610+04:00विषय का चुनाव अच्छा है| जोरदार प्रस्तुतियाँ आने की...विषय का चुनाव अच्छा है| जोरदार प्रस्तुतियाँ आने की पूरी पूरी गारंटी है|www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-78899930812636239202011-07-08T12:33:59.038+04:002011-07-08T12:33:59.038+04:00बहुत सुन्दर विषय चुना है. अच्छी रचनाएं आनी चाहिए.बहुत सुन्दर विषय चुना है. अच्छी रचनाएं आनी चाहिए.शेषधर तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/09259183410687906285noreply@blogger.com