tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post8876068599074865279..comments2023-11-02T11:46:29.500+04:00Comments on नवगीत की पाठशाला: ४. शीतल छाँव बचाए रखनानवगीत की पाठशालाhttp://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-13344982068659845532012-04-05T17:58:35.201+04:002012-04-05T17:58:35.201+04:00आज के दूषित समाज को सार्थक सन्देश देता हुआ नवगीत म...आज के दूषित समाज को सार्थक सन्देश देता हुआ नवगीत मन को घ्हू गया. साधुवाद.<br />विश्वासों के हरसिंगार की<br />शीतल छाँव<br />बचाये रखना।Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-56135362518579931352012-03-30T19:13:59.024+04:002012-03-30T19:13:59.024+04:00गुलमोहर
की छाया में भी
गर्म हवा की छुरियाँ चलतीं,
...गुलमोहर<br />की छाया में भी<br />गर्म हवा की छुरियाँ चलतीं,<br />तुलसीचौरा<br />की मनुहारें<br />अब कोई अरदास न सुनतीं।<br />प्यासे सपने लौट न जायें,<br />दृग का दीप<br />जलाये रखना।<br />भावों के प्रवाह से भर नवगीत<br />बधाई<br />रचनाRachanahttps://www.blogger.com/profile/15249225250149760362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-48271912788563983942012-03-27T04:37:07.646+04:002012-03-27T04:37:07.646+04:00"फिर फिर
जेठ तपेगा आँगन,
हरियल पेड लगाये रख..."फिर फिर <br />जेठ तपेगा आँगन, <br />हरियल पेड लगाये रखना, <br />विश्वासों के हरसिंगार की <br />शीतल छाँव <br />बचाये रखना"<br /><br />मन मुग्ध हो गया ऐसा प्रभावशाली गीत पढ़ कर | धन्यवाद राधेश्याम जी |<br />शशि पाधाशशि पाधाnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-19237681695839100062012-03-26T11:42:35.667+04:002012-03-26T11:42:35.667+04:00फिर फिर
जेठ तपेगा आँगन,
हरियल पेड लगाये रखना,
व...फिर फिर <br />जेठ तपेगा आँगन, <br />हरियल पेड लगाये रखना, <br />विश्वासों के हरसिंगार की <br />शीतल छाँव <br />बचाये रखना।<br />मुरझाई <br />रिश्तों की टहनी<br />यूँ संशय की उमस बढ़ी है,<br />भूल गये <br />पंछी उड़ना भी<br />यूँ राहों में तपन बढ़ी है।<br />घन का मौसम बीत न जाये, <br />वन्दनवार <br />सजाये रखना।<br /><br />आदरणीय राधेश्याम बंधुजी<br />सादर अभिवादन<br /> <br />ऐसा कौन है जो इस गीत के नैसर्गिक प्रवाह में समाहित हुए बगैर रह जाए आरंभ से अंत तक सहज प्रवाहमान इस उम्दा रचना के लिए बधाई के हरेक शब्द बौने प्रतीत हो रहे हैंmandalsshttps://www.blogger.com/profile/18435280180094938316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-71157644802379383112012-03-26T08:23:45.599+04:002012-03-26T08:23:45.599+04:00क्षमा करें पहले वाली टिप्पणी में राधेश्याम जी की ज...क्षमा करें पहले वाली टिप्पणी में राधेश्याम जी की जगह रामेश्वरजी टाइप हो गया कृपया उसे इस प्रकार पढे़ <br />राधेश्यामजी को बहुत बहुत बधाई<br />धन्यवाद<br />विमल कुमार हेड़ा।विमल कुमार हेड़ा।noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-66244709899236034592012-03-26T08:18:30.743+04:002012-03-26T08:18:30.743+04:00गुलमोहर की छाया में भी गर्म हवा की छुरियाँ चलतीं,
...गुलमोहर की छाया में भी गर्म हवा की छुरियाँ चलतीं,<br />तुलसीचौरा की मनुहारें अब कोई अरदास न सुनतीं।<br />प्यासे सपने लौट न जायें,दृग का दीप जलाये रखना।<br />बहुत सुन्दर पंक्तियाँ रामेश्वर जी को बहुत बहुत बधाई<br />धन्यवाद<br />विमल कुमार हेड़ा।विमल कुमार हेड़ा।noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-85624485056215793942012-03-26T05:37:32.664+04:002012-03-26T05:37:32.664+04:00डा. रमा द्विवेदी ,हैदराबाद
राधेश्याम बंधू जी, नव...डा. रमा द्विवेदी ,हैदराबाद <br /><br />राधेश्याम बंधू जी, नवगीत के सशक्त हस्ताक्षर हैं ...उन्हें यहाँ पर पढ़ना आनंदित कर गया ....बहुत-बहुत-बधाई व शुभकामनाएँRamahttps://www.blogger.com/profile/10010943809475838010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-32194469416430686562012-03-25T15:33:43.849+04:002012-03-25T15:33:43.849+04:00राधेश्याम बंधु जी नवगीत के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं।...राधेश्याम बंधु जी नवगीत के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। उनका ये नवगीत पहले भी पढ़ चुका हूँ। इसे यहाँ दुबारा पढ़वाने के लिए पूर्णिमा जी को बहुत बहुत धन्यवाद।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-41053805060098243682012-03-25T15:17:17.602+04:002012-03-25T15:17:17.602+04:00chav bachai rakhna.. sundar geet haichav bachai rakhna.. sundar geet haiकबीर कुटी - कमलेश कुमार दीवानhttps://www.blogger.com/profile/15885065966350572216noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-8781045761091249332012-03-25T11:19:44.509+04:002012-03-25T11:19:44.509+04:00फिर फिर
जेठ तपेगा आँगन,
हरियल पेड लगाये रखना,
म...फिर फिर <br />जेठ तपेगा आँगन, <br />हरियल पेड लगाये रखना, <br />मन भावन गीत ....<br /><br />मुरझाई <br />रिश्तों की टहनी<br />यूँ संशय की उमस बढ़ी है,<br />भूल गये <br />पंछी उड़ना भी<br />यूँ राहों में तपन बढ़ी है।<br />घन का मौसम बीत न जाये, <br />वन्दनवार <br />सजाये रखना।<br />बहुत सुन्दर .......भावनाओं को शब्दों मे समेटना ...अवर्णनीय ..बधाई आपको राधेश्याम जीसंध्या सिंहhttps://www.blogger.com/profile/11549759811338829461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-7153096340703473532012-03-25T07:30:24.597+04:002012-03-25T07:30:24.597+04:00बहुत सुंदर नवगीत ..
बधाई राधेश्याम जी..बहुत सुंदर नवगीत ..<br />बधाई राधेश्याम जी..गीता पंडितhttps://www.blogger.com/profile/17911453195392486063noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-43246800196914267862012-03-24T07:52:15.978+04:002012-03-24T07:52:15.978+04:00खूबसूरतखूबसूरतरविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-79683443672486810132012-03-24T06:38:53.730+04:002012-03-24T06:38:53.730+04:00फिर फिर
जेठ तपेगा आँगन,
हरियल पेड लगाये रखना,
विश्...फिर फिर<br />जेठ तपेगा आँगन,<br />हरियल पेड लगाये रखना,<br />विश्वासों के हरसिंगार की<br />शीतल छाँव<br />बचाये रखना।<br />...............bahut sunder navgeet . hardik badhaishashi purwarhttps://www.blogger.com/profile/04871068133387030845noreply@blogger.com