tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post1949306205029026223..comments2024-03-23T00:12:37.328+04:00Comments on नवगीत की पाठशाला: ११. बदले बदले से लगते हैंनवगीत की पाठशालाhttp://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-36715456307415936192011-10-13T20:41:54.865+04:002011-10-13T20:41:54.865+04:00ठकुरेला जी नवगीत बहुत ही सुंदर है, इसे प्रस्तुत कर...ठकुरेला जी नवगीत बहुत ही सुंदर है, इसे प्रस्तुत करने के लिए पाठशाला का आभार‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-31116423964857325822011-10-08T15:28:58.341+04:002011-10-08T15:28:58.341+04:00क्या बात है…बहुत सुंदर। पुतले ही तो जलते आ रहे हैं...क्या बात है…बहुत सुंदर। पुतले ही तो जलते आ रहे हैं…आदमी ही आदमी को तलते आ रहे हैं……जमाने से चला आ रहा है…नक्स्लियों का कायराना खेल…कल ही देख लीजिये…बेगुनाह सी आर पी एफ़ के कुछ नौजवान खल्लास……सूर्यकान्त गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/05578755806551691839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-75532739992142225882011-10-08T06:35:46.243+04:002011-10-08T06:35:46.243+04:00आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा ...आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के <a href="http://charchamanch.blogspot.com/2011/10/661.html" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर भी की गई है!<br />अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो <a href="http://charchamanch.blogspot.com/2011/10/661.html" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> का भी प्रयास सफल होगा।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-59370357109342134492011-10-08T02:48:40.095+04:002011-10-08T02:48:40.095+04:00इस पिशाचनी महँगाई की
कब तक घात सहें
भूखी नंगी दीवा...इस पिशाचनी महँगाई की<br />कब तक घात सहें<br />भूखी नंगी दीवाली की<br />किस से व्यथा कहंे<br />पर्वत बनी समस्याऐें है<br />तिनके जैसे हम <br /><br />मन को छूती पारिस्थिक विषमता का शब्द चित्र प्रभावी है. भाषा में देशज स्पर्श हो तो बेहतर होगा.Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.com