tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post7332665864427708774..comments2024-03-23T00:12:37.328+04:00Comments on नवगीत की पाठशाला: ०६. फिक्सिंग भी है बहुत ज़रूरी : रावेंद्रकुमार रविनवगीत की पाठशालाhttp://www.blogger.com/profile/03110874292991767614noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-75677705366701402512010-09-26T14:20:07.270+04:002010-09-26T14:20:07.270+04:00सम सामयिकी से सराबोर एक अभिनव प्रयास
भाई बधाईसम सामयिकी से सराबोर एक अभिनव प्रयास <br />भाई बधाईmandalsshttps://www.blogger.com/profile/18435280180094938316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-91405234591123886302010-09-26T13:55:46.085+04:002010-09-26T13:55:46.085+04:00पाउच बना सजीला मनहर
माल भरेंगे घटिया
छूट बढ़ाकर, द...पाउच बना सजीला मनहर<br />माल भरेंगे घटिया<br />छूट बढ़ाकर, दाम घटाकर<br />इसे करेंगे सेल<br />गारंटी की बात न कोई<br />ग्राहक लेंगे झेल<br /><br />बिल्कुल सही ऐसा ही हो रहा है आजकल| सुन्दर नवगीत|राणा प्रताप सिंह (Rana Pratap Singh)https://www.blogger.com/profile/17152336988382481047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-82553600358929054512010-09-18T14:11:26.679+04:002010-09-18T14:11:26.679+04:00अभिनव कथ्य को समाहित करने का प्रयास स्वागतेय है.अभिनव कथ्य को समाहित करने का प्रयास स्वागतेय है.Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-64004497756679417952010-09-17T15:31:27.661+04:002010-09-17T15:31:27.661+04:00मैच फिक्सिंग के खेल में
हैड मिला न टेल.
जम स...मैच फिक्सिंग के खेल में <br />हैड मिला न टेल. <br /> <br />जम सका नहीं खेल<br />हुआ मामला फेल. <br /><br />बरखा तो क्या खिली <br />मिलेगी काली जेल!sharda monga (aroma)https://www.blogger.com/profile/02838238451888739255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-60142406133740256632010-09-17T11:33:32.991+04:002010-09-17T11:33:32.991+04:00बारिश के मौसम में होता नहीं ठीक से खेल।
बरखा के पा...बारिश के मौसम में होता नहीं ठीक से खेल।<br />बरखा के पानी में हिलमिल कैसे खेलें खेल?डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8772772482860068162.post-81128670271487235732010-09-14T20:29:44.239+04:002010-09-14T20:29:44.239+04:00यह तो सुन्दर समसामायिक हास्य व्यंग्य की रचना हो गई...यह तो सुन्दर समसामायिक हास्य व्यंग्य की रचना हो गई। बधाई।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.com