नवगीत की पाठशाला में आप सबका हार्दिक स्वागत है!
अलग अलग परिस्थितियों को एक साथ लिखा,एक अच्छी कविता के लिए बहुत बहुत बधाई, धन्यवाद विमल कुमार हेडा
बहुत सुन्दर शुभकामनायें
आपकी रचना की गहरे में उतरने को दिल कर रहा है...बहुत गहरी रचना की है...बेहद अच्छे शब्द...मीत
वह थातेरा अहम या मेरा अभिमानदरकता था दर्पण याछूटा सम्मानसोचते थे दोनोजिद पे क्यों अड़ा हैsunder bhavbadhairachana
घर में ke sthan par..... dhar me asuwan ki..sahi hai kripya thik kar dijiye
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वह था तेरा अहम या मेरा अभिमानदरकता था दर्पण या छूटा सम्मानसोचते थे दोनोजिद पे क्यों अड़ा है बहुत प्रभावी पंक्तियाँ हैं। एक अच्छी रचना के लिये बधाई ।
chune hue navgeeto men yugboth ke swar smshit hain bahu t bahut badhaee.
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अलग अलग परिस्थितियों को एक साथ लिखा,
जवाब देंहटाएंएक अच्छी कविता के लिए बहुत बहुत बधाई, धन्यवाद
विमल कुमार हेडा
बहुत सुन्दर शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंआपकी रचना की गहरे में उतरने को दिल कर रहा है...
जवाब देंहटाएंबहुत गहरी रचना की है...
बेहद अच्छे शब्द...
मीत
वह था
जवाब देंहटाएंतेरा अहम या मेरा अभिमान
दरकता था दर्पण या
छूटा सम्मान
सोचते थे दोनो
जिद पे क्यों अड़ा है
sunder bhav
badhai
rachana
घर में ke sthan par..... dhar me asuwan ki..sahi hai kripya thik kar dijiye
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जवाब देंहटाएंवह था
जवाब देंहटाएंतेरा अहम या मेरा अभिमान
दरकता था दर्पण या
छूटा सम्मान
सोचते थे दोनो
जिद पे क्यों अड़ा है
बहुत प्रभावी पंक्तियाँ हैं। एक अच्छी रचना के लिये बधाई ।
chune hue navgeeto men yugboth ke swar smshit hain
जवाब देंहटाएंbahu t bahut badhaee.