नवगीत की पाठशाला में आप सबका हार्दिक स्वागत है!
लाजवाब ...मन को भायी ये रचना. ______________'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है !!
sankshipt shabdavali me aatank ke alag alag roopoN ka chitran achchha geet hai
भारतेन्दु जी ! अच्छे प्रयोग . प्रशंसनीय ।
रचना अच्छी लगी, बहुत बहुत बधाई धन्यवाद।विमल कुमार हेडा़
शब्द-शब्द चीख-चीख रो रहा.आदमी अनीत-बीज बो रहा..रचना मन भाई है.कहनी कह पाई है.अनुष्ठान सार्थक यह हो रहा।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
आपकी टिप्पणियों का हार्दिक स्वागत है। कृपया देवनागरी लिपि का ही प्रयोग करें।
लाजवाब ...मन को भायी ये रचना.
जवाब देंहटाएं______________
'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है !!
sankshipt shabdavali me aatank ke alag alag roopoN ka chitran achchha geet hai
जवाब देंहटाएंभारतेन्दु जी !
जवाब देंहटाएंअच्छे प्रयोग . प्रशंसनीय ।
भारतेन्दु जी !
जवाब देंहटाएंअच्छे प्रयोग . प्रशंसनीय ।
रचना अच्छी लगी, बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
विमल कुमार हेडा़
शब्द-शब्द चीख-चीख रो रहा.
जवाब देंहटाएंआदमी अनीत-बीज बो रहा..
रचना मन भाई है.
कहनी कह पाई है.
अनुष्ठान सार्थक यह हो रहा।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं