चालक- पथ की
जीवन रथ की
लेकर नव भाषाएँ
आया है
नव वर्ष हमारा
जागीं सब आशाएँ
नये रंगों से
रंगी ज़िन्दगी
रंगोली-सी सोहे
सात सुरों से
सजा केशियो
जैसे तन-मन मोहे
चलो समय का
पहिया घूमा
बदलीं परिभाषाएँ!
फूल-फूल में
प्रेम बढ़ेगा
महकेगी फुलवारी
धूप-चाँदनी,
बरखे बरखा
लहकेगी हर क्यारी
झोली में
सबके फल होंगे-
पूरी अभिलाषाएँ!
--अवनीश सिंह चौहान
जीवन रथ की
लेकर नव भाषाएँ
आया है
नव वर्ष हमारा
जागीं सब आशाएँ
नये रंगों से
रंगी ज़िन्दगी
रंगोली-सी सोहे
सात सुरों से
सजा केशियो
जैसे तन-मन मोहे
चलो समय का
पहिया घूमा
बदलीं परिभाषाएँ!
फूल-फूल में
प्रेम बढ़ेगा
महकेगी फुलवारी
धूप-चाँदनी,
बरखे बरखा
लहकेगी हर क्यारी
झोली में
सबके फल होंगे-
पूरी अभिलाषाएँ!
--अवनीश सिंह चौहान
बहुत सुंदर नवगीत है अवनीश जी का, उन्हें बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंकोमल शब्द योजना कोमल भाव से संसिक्त नव गीत .बधाई .नव वर्ष मंगल मय हो .
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
चर्चा मंच-741:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
भाई अवनीश सिंह चौहान को हार्दिक बधाई उनके इस श्रेष्ठ नवगीत के लिए| नवगीत पाठशाला-१९ की समापन रचना के रूप में इसकी प्रस्तुति हेतु 'अभिव्यक्ति' परिवार को भी बधाई!
जवाब देंहटाएंसमय का
जवाब देंहटाएंपहिया घूमा
बदलीं परिभाषाएँ
बहुत सुंदर
चलो समय का पहिया घूमा अतः अभिलाषाओं का पूरा होना सच्ची भविष्य वाणी करना नाव गीत को नई पहिचान देता है .पुर गीत का आशावादी द्रष्टिकोण कवि के नये सोच का आईना है बहुत खूब एसा ही और और लिखें
जवाब देंहटाएंडाक्टर जयजयराम
सैंट जॉन कनाडा
फूल-फूल में
जवाब देंहटाएंप्रेम बढ़ेगा
महकेगी फुलवारी
धूप-चाँदनी,
बरखे बरखा
लहकेगी हर क्यारी
झोली में
सबके फल होंगे-
पूरी अभिलाषाएँ!
सुन्दर रचना एवं बहुत ही सुन्दर विचार, अवनीश जी को बहुत बहुत बधाई।
धन्यवाद।
विमल कुमार हेड़ा।