
शबनम-शबनम
दिन-रैन
बहुत गुलपोश लगे
हंसते नित
सनई-पाट सजन
है हरसिंगार-सी
रात सजन
गमगम करते
जज्बात सजन
हरबात बहुत
मदहोश लगे
कुछ दूर गई
बरखा-बदरी
हुलसे यह देख
नयन कजरी
अब साँझ-सबेरे
दोपहरी, हरदम
तेरा आगोश लगे
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शंभु शरण मंडल
सी आई एम एफ आर
धनबाद, झारखंड -826015 (भारत)
सुन्दर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत है। बधाई।
जवाब देंहटाएंहै हरसिंगार-सी
जवाब देंहटाएंरात सजन
गमगम करते
जज्बात सजन
अच्छी प्रस्तुति..
सुन्दर नवगीत। बधाई।
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