
हैड मिले या टेल
बरखा के पानी में हिलमिल
आओ, खेलें खेल
हार न जाएँ, हम इस डर से
ऐसा मेल बनाएँगे
हर हालत में प्रतिद्वंद्वी को
जो कर देगा फेल
फिक्सिंग भी है बहुत ज़रूरी
माल मिले या जेल
पाउच बना सजीला मनहर
माल भरेंगे घटिया
छूट बढ़ाकर, दाम घटाकर
इसे करेंगे सेल
गारंटी की बात न कोई
ग्राहक लेंगे झेल
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रावेंद्रकुमार रवि
यह तो सुन्दर समसामायिक हास्य व्यंग्य की रचना हो गई। बधाई।
जवाब देंहटाएंबारिश के मौसम में होता नहीं ठीक से खेल।
जवाब देंहटाएंबरखा के पानी में हिलमिल कैसे खेलें खेल?
मैच फिक्सिंग के खेल में
जवाब देंहटाएंहैड मिला न टेल.
जम सका नहीं खेल
हुआ मामला फेल.
बरखा तो क्या खिली
मिलेगी काली जेल!
अभिनव कथ्य को समाहित करने का प्रयास स्वागतेय है.
जवाब देंहटाएंपाउच बना सजीला मनहर
जवाब देंहटाएंमाल भरेंगे घटिया
छूट बढ़ाकर, दाम घटाकर
इसे करेंगे सेल
गारंटी की बात न कोई
ग्राहक लेंगे झेल
बिल्कुल सही ऐसा ही हो रहा है आजकल| सुन्दर नवगीत|
सम सामयिकी से सराबोर एक अभिनव प्रयास
जवाब देंहटाएंभाई बधाई