भोर जल्द भाग गई लू के डर से
साँझ भी निकली है बहुत देर में घर से
पछुँआ के झोकों से बरसती अगिन
गर्मी के दिन।
पशु-पक्षी पेड़-पुष्प सब हैं बेहाल
सूरज ने बना दिया सबको कंकाल
माँ चिड़िया लाती पर दाने बिन-बिन
गर्मी के दिन।
हैण्डपम्प पर कौव्वा ठोंक रहा टोंट
कुत्ता भी नमी देख गया वहीं लोट
दुपहरिया बीत रही करके छिन-छिन
गर्मी के दिन।
बच्चों की छुट्टी है नानी घर तंग
ऊधम दिन भर, चलती आपस की जंग
दिन में दो पल सोना हो गया कठिन
गर्मी के दिन।
शादी बारातों का न्योता है रोज
कहीं बहूभोज हुआ कहीं प्रीतिभोज
पेट-जेब दोनों के आये दुर्दिन
गर्मी के दिन।
--अमित
साँझ भी निकली है बहुत देर में घर से
पछुँआ के झोकों से बरसती अगिन
गर्मी के दिन।
पशु-पक्षी पेड़-पुष्प सब हैं बेहाल
सूरज ने बना दिया सबको कंकाल
माँ चिड़िया लाती पर दाने बिन-बिन
गर्मी के दिन।
हैण्डपम्प पर कौव्वा ठोंक रहा टोंट
कुत्ता भी नमी देख गया वहीं लोट
दुपहरिया बीत रही करके छिन-छिन
गर्मी के दिन।
बच्चों की छुट्टी है नानी घर तंग
ऊधम दिन भर, चलती आपस की जंग
दिन में दो पल सोना हो गया कठिन
गर्मी के दिन।
शादी बारातों का न्योता है रोज
कहीं बहूभोज हुआ कहीं प्रीतिभोज
पेट-जेब दोनों के आये दुर्दिन
गर्मी के दिन।
--अमित
वास्तविकता के बहुत करीब चित्रण किया गया है इस नवगीत मेँ -
जवाब देंहटाएंपसँद आया -
- लावण्या
सुन्दर रचना है बधाई।
जवाब देंहटाएंपेट-जेब दोनों के आये दुर्दिन
जवाब देंहटाएंगर्मी के दिन।
बहुत खूब। किसकी रचना है यह भी तो बता दीजिए।
अहा...बहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएं"हैण्डपम्प पर कौव्वा ठोंक रहा टोंट
कुत्ता भी नमी देख गया वहीं लोट"
इन पंक्तियों के रचनाकार को नमन !
बहुत सुन्दर नवगीत।गर्मी का सजीव चित्रण ,सधी हुई लय, सहज सुन्दर प्रवाह ,नवीन नवीन प्रयोग नवगीत को उत्कृष्ट बनाते हैं "
जवाब देंहटाएंभोर जल्द भाग गई लू के डर से
साँझ भी निकली है बहुत देर में घर से
पछुँआ के झोकों से बरसती अगिन
पेट-जेब दोनों के आये दुर्दिन
नवगीतकार को बधाई
वाह! सुंदर नवगीत निःसंदेह यह छंद गीत का सर्वश्रेष्ठ छंद है-
जवाब देंहटाएंहैण्डपम्प पर कौव्वा ठोंक रहा टोंट
कुत्ता भी नमी देख गया वहीं लोट
दुपहरिया बीत रही करके छिन-छिन
गर्मी के दिन।
पूर्णिमा वर्मन
yathaarthwaadee kavitaa hai jo saralta se likhee hai
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