इस बार दिवाली पर ना जाने कौन जलेगा
दिया जलेगा या बाती या तेल जलेगा
या मेरा दिल कोने में चुपचाप जलेगा
इस बार दिवाली पर ना जाने कौन जलेगा
रंगोली जब मेरे आँगन सज जाएगी
लक्ष्मी मेरे द्वारे आ कर रुक जाएगी
मैं तो हूँ परदेस में टीका कौन करेगा
इस बार दिवाली पर ना जाने कौन जलेगा
खुशियाँ तो आएगी मेरे दरवाज़े भी
गूँजेंगे घर में मेरे गाजेबाजे भी
पर मेरे घर गणपति पूजन कौन करेगा
इस बार दिवाली पर ना जाने कौन जलेगा
बैठी होगी कहीं ढूँढ़ करके वो कोना
उसका दिल होगा जाने कितना सूना
देश में उसकी रीति गागर कौन भरेगा
इस बार दिवाली पर ना जाने कौन जलेगा
-दिगंबर नास्वा
अच्छा गीत है. बात को नये ढंग से कहने की कोशिश की गयी है.
जवाब देंहटाएंpardesh me deshi dil ki vyatha naveen dhang se prastuti achchhi lagi
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