मित्रो,
हर ओर वसंत छाया है और जल्दी ही होली भी आने वाली है। अनुभूति का १४ मार्च का अंक भी वसंत और होली से सराबोर होगा। तो क्यों न वसंत और होली पर आधारित नवगीत लिखें। कोशिश यह होनी चाहिये कि गीत में परंपरा से हटकर सामयिक सरोकारों पर ध्यान रहे। गीत हमारे पास जल्दी से जल्दी भेज दें क्यों कि इस बार गीतों का प्रकाशन एक सप्ताह के अंदर प्रारंभ कर देंगे। १० मार्च तक बाद मिलने वाले नवगीतों को कार्यशाला में शामिल करना संभव नहीं होगा। पता है-
navgeetkipathshala@gmail.com
सही समय पर सही घोषणा| मजा आएगा इस बार की कार्यशाला में| आभार पुर्णिमा जी|
जवाब देंहटाएंचलो अब काम पर लगते हैं, और होम वर्क पूरा कर के झट-पट क्लास में हाजिरी लगाते हैं|
जिन साहित्य रसिकों को दोहों में रुचि हो उन का सहर्ष स्वागत है, दोहा छंद पर की दूसरी समस्या पूर्ति पर|
लिंक :- http://samasyapoorti.blogspot.com