5 मई 2011

कार्यशाला १६, टेसू



पिछली कार्यशाला में अधितकर रचनाएँ पसंद की गईं। सदा की तरह चुनी हुई रचनाओं को अनुभूति में प्रकाशित किया जाएगा। पिछले दो तीन बार से कार्यशाला के विषय काफी गंभीर होते जा रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए इस बार कार्यशाला के विषय को सरल और ललित रखा गया है। इस बार सदस्यों को टेसू या पलाश के फूल पर नवगीत लिखना है। टेसू के फूल, वृक्ष या बिंब को रचना का विषय बनाया जा सकता है। रचना भेजने की अंतिम तिथि 20 मई है। रचनाओं का प्रकाशन 30 मई से प्रारंभ कर देंगे।
पता है- navgeetkipathshala@gmail.com

5 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी यह योजना सराहनीय है. बधाई स्वीकारें

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  2. योजना अच्छी है पर हम कवि नहीं :( केवल शुभकामनाएं ही दे सकते हैं :)

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  3. वीराने में टेसू खिलकर, देता है संदेश 'सलिल'
    गम की अग्नि मौन हो सहकर, जग में रंग बिखेरो तुम..

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  4. I am happy and like to write on this विषय पलाश/'टेसू के फूल'

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  5. भागम- भाग की इस ज़िन्दगी में इसी बहाने प्रकृति पर भी दृष्टिपात करने का सुअवसर मिलेगा ।

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