मन हो रहा प्रफुल्लित
घर में
जगमग जोत जले
आनंदित किलकारी भरती
नव संचित फुलझड़ियों सी
श्याम रात
चम चम करती है
उत्सव वाली लड़ियों सी
स्वप्न सजीले संचित
सुख समृद्धि की ओर चले
सुन्दर शाश्वत हो शृंगार
पूजा की फिर थाल संवार
राम राम नाम
की धुन को रटते
सारी विपदाएँ हों पार
लक्ष्मी चरण हों अंकित
जग से भय ओर क्रोध टले !
-नूतन व्यास
(गुड़गाँव)
घर में
जगमग जोत जले
आनंदित किलकारी भरती
नव संचित फुलझड़ियों सी
श्याम रात
चम चम करती है
उत्सव वाली लड़ियों सी
स्वप्न सजीले संचित
सुख समृद्धि की ओर चले
सुन्दर शाश्वत हो शृंगार
पूजा की फिर थाल संवार
राम राम नाम
की धुन को रटते
सारी विपदाएँ हों पार
लक्ष्मी चरण हों अंकित
जग से भय ओर क्रोध टले !
-नूतन व्यास
(गुड़गाँव)
बहुत - बहुत हार्दिक बधाई नूतन जी , बहुत सुंदर नवगीत है
जवाब देंहटाएंसुंदर गीत!
जवाब देंहटाएंनूतन जी,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.
हार्दिक बधाई.
स्वप्न सजीले संचित
जवाब देंहटाएंसुख समृद्धि की ओर चले
.. बहुत सुंदर - शुभकामनायें नूतन जी
राम नम की धुन को रटते ..सारी विपदाएं हों पार ..बहुत अच्छा गीत
जवाब देंहटाएंआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर गीत, बधाई नूतन जी को
जवाब देंहटाएंसुन्दर शाश्वत हो शृंगार
जवाब देंहटाएंपूजा की फिर थाल संवार
राम राम नाम
की धुन को रटते
सारी विपदाएँ हों पार
लक्ष्मी चरण हों अंकित
जग से भय ओर क्रोध टले !
सुंदर गीत
बधाई
rachana
व्यास जी आपको इस गीत के लिये बधाई...
जवाब देंहटाएं'सुन्दर शाश्वत हो शृंगार'... बहुत खूब...
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