दीपावली और उत्सवों से भरपूर एक पूरे माह के बाद जब हम बात कर रहे हैं तो २०११ जाने को है और २०१२ आने ही वाला है। संसार का नियम है हर पल कुछ न कुछ पुराना पीछे छूटता है और नया हमारे साथ जुड़ता है, समय का यह चक्र नित्य चलता ही रहता है। कार्यशाला १९ में रचनाओं का विषय यही है नया-पुराना। कुछ पुराना पीछे छूटने का दुख, कुछ नया आ मिलने का उल्लास, कुछ दोनो के बीच से गुजरने का द्वंद्व और समय का निरंतर गतिमान रहना। नए साल का आगमन भी तो इसी बीच होता है। एक नवगीत में यह सबकुछ सारा का सारा समेटने की आवश्यकता नहीं, इन सबसे गुजरने की प्रक्रिया के किसी भी पल को सुरुचिपूर्ण ढंग से गीत में ढाला जा सका तो उसे कार्यशाला में स्थान मिल जाएगा।
अगर रचना लिखने में कुछ सहयोग की आवश्यकता हो तो प्रति गुरुवार फेसबुक पर अभिव्यक्ति समूह में नवगीत कार्यशाला होती है। इस लिंक पर अपनी रचना प्रकाशित करें। और उस पर मित्रों तथा विशेषज्ञों की राय जानें। रचना प्रकाशित करने से पहले समूह का सदस्य बनना होगा। लिंक है- https://www.facebook.com/#!/groups/5468249543/
रचना भेजने की अंतिम तिथि है- ३० नवंबर २०११ और पता है- navgeetkipathshala@gmail.com
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