धरती कभी न छोड़े चलना
सूरज कभी न जलना
नवल मुकुल शाखों पर फूटें
पतझड़ कोई बाग न लूटे
दिनकर के धरती से रिश्ते
सदा हरे हों कभी न टूटें
प्रेम की साँसों युगों युगों तक
जीवन में ढलना
गिरें चढ़ें ऋतुओं के पारे
हालातों से हम ना हारें
कर्म रँगेगा जीवन सारे
उस से ही चमकेंगे तारे
सुबह गवाँ दी सोने में तो
शाम हाथ मलना
रात की छाती से ही बहता
स्वप्नों का दुधिया सोता है
अँधियारे के बाद सुबह हो
ऐसा कहाँ सदा होता है
काल की सदियों से आदत है
बगुले सा छलना
धरा धुंध से पटी हुई हो
तमस दृष्टि से सटी हुई हो
किरणों की अगाध नदी फिर
चाहे तट से कटी हुई हो
पौष माघ की सख्ती में
फागुन तुम पलना
-परमेश्वर फुँकवाल
लखनऊ से
बहुत सुन्दर गीत .. परमेश्वर फुन्कवाल जी ..
जवाब देंहटाएंबधाई
आ. श्रीकांत जी आपके उत्साहवर्धन से अभिभूत हूँ. आ. पूर्णिमा जी के स्पर्श से यह गीत इस रूप में संश्लेषित हो सका है. हार्दिक धन्यवाद्.
हटाएंबहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंउत्साह वर्धन के लिए धन्यवाद् डॉ रूपचंद्र शास्त्री जी.
हटाएंपौष माघ की सख्ती में
जवाब देंहटाएंफागुन तुम पलना
यथार्थ और कल्पना का सुंदर सम्मिश्रण ...
सुंदर आशा लिए जीवन पथ पर चलाना ...
जीवन ही कविता है ...
बधाई एवं शुभकामनायें.
पंक्तियों को रेखांकित कर उसकी भावनाओं में एकाकार होने के लिए धन्यवाद् अनुपमा त्रिपाठी जी.
हटाएंअँधियारे के बाद सुबह हो
जवाब देंहटाएंऐसा कहाँ सदा होता है
काल की सदियों से आदत है
बगुले सा छलना
बहुत ही सुन्दर गीत है ....प्रकृति के माध्यम से आशंकाओं का भय बहुत प्रभावी लगा ...अति सुन्दर गीत परमेश्वर जी बधाई
पंक्तियाँ रेखांकित करती आपकी हर्षाने वाली टिप्पणी के लिए आभार संध्या जी.
हटाएंबहुत सुंदर रचना बधाई प्रभुदयाल श्रीवास्तव
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद् आ. प्रभुदयाल श्रीवास्तव जी मनोबल बढ़ाने के लिए.
हटाएंबहुत सुंदर नवगीत है परमेश्वर फुन्कवाल जी बधाई!
जवाब देंहटाएंनूतन जी, आपका आभार पसंद करने के लिए.
हटाएंबहुत ही सुंदर नगवीत लिखा है परमेश्वर जी, हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए
जवाब देंहटाएंधर्मेन्द्र जी, आपकी शुभ कामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद्
हटाएं'सुबह गवाँ दी सोने में तो / शाम हाथ मलना, धरती कभी न छोड़े चलना / सूरज कभी न जलना, हालातों से हम ना हारें ' आदि अभिव्यक्तियाँ, मन को बाँधने में समर्थ हैं. समूचे गीत में अनिष्ट की आशंका पर नव निर्माण का आशावादी स्वर हावी है. बधाई.
जवाब देंहटाएंआ. संजीव वर्मा "सलिल" जी, आपकी शुभ कामनाओं एवं उत्साह वर्धक भावनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद्.
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