ग्राम देवता
लोक देवता
नीम देवता !
पात-चूम मुसकाती पछवा
गंगाजल छलकाए
फूलों-सँग हँस-खिलती पुरवा
पुनर्नवा बरसाए
प्राण देवता
जीव देवता
नीम देवता !
मिलन हुआ सावन से झूमे
बदली में त्योहार
ऋतुओं के मेलों ने तेरी छैंया
धरे सिंगार
प्रेम देवता
पर्व देवता
नीम देवता !
अँगना में बजती पायल को
सौंपे जीवन-फाग
गो-कुल पर वारा पल-प्रतिपल
द्वापर-सा अनुराग
इष्ट देवता
नमन, देवता
नीम देवता !
-अश्विनी कुमार विष्णु
(अकोला)
सुंदर नवगीत के लिए अश्विनी जी को बधाई
जवाब देंहटाएंऋग्वेद सी ऋचाओं वाला पावन नवगीत एक विशिष्ट अंदाज़ में नीम का महत्त्व रेखांकित करता. अद्भुत शिल्प के साथ नीम स्तुति. लय का निर्वाह करता बहुत खूबसूरत यह नवगीत.
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद सज्जन धर्मेन्द्र जी उत्साह जगाते अभिप्राय के लिए, व जनाब geetfarosh भाव-शिल्प सराहते मर्मोष्म मंतव्य हेतु !
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