आया संवत्सर
वृक्षों ने ली अँगड़ाई।
नवल कोंपले खिलीं नीम की
मिलकर खाई।
नवल बधाई।
दशकुलवृक्ष कुटुम्ब और
तुम विटप प्रमाणी
नख से शिर तक
रोग निवारक रक्षक त्राणी
ॠषि मुनि संत शास्त्र सब ही ने
महिमा गाई।
नवल बधाई।
पुष्प गुच्छ सुगंधित
मधुमय फल खिरनी से
मधुकर के अनुगुंजन
उच्छृंखल हिरनी से
वृक्षावलि से हरियाली
पथ पथ पर छाई
नवल बधाई।
नीम तुम्हारा है अस्तित्व
युगों युगों से
मानवता के तुम सहयोगी
युगों युगों से
पर्यावरण सुमित्र
तुम्हारा संग सुखदाई।
नवल बधाई।
-आकुल
(कोटा)
नीम के पर्यावरणीय महत्त्व को रेखांकित करता सुन्दर नवगीत।
जवाब देंहटाएंवृक्षावलि से हरियाली
पथ पथ पर छाई
नवल बधाई।
मेरी भी आपको बधाई।
सुंदर नवगीत। बधाई आकुल जी को
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