पीपल बरगद ने आपस में
झगड़े रोज किये
तनातनी के इस मौसम में
कैसे नीम जिये?
जिनकी पूजा कल तक करते
थे दिन दिन भर लोग
जाने कैसे उन्हें लग गया
यह संक्रामक रोग
इनके हाथ कुल्हाड़ी है वो
आरा हाथ लिये
अपनी अपनी फिकर सभी को
करे फैसला कौन
सारा जंगल गुमसुम बैठा
देख रहा हो मौन
आगे खुदीं खाईयाँ पीछे
गहरे खुदे कुएँ
जिनकी शीतल छाया कल तक
लगती थी अभिराम
आग उगलना ही बस उनका
एक रह गया काम
यहाँ वहाँ हर जगह दिख रहे
फैले हुये धुएँ
तनातनी के इस मौसम में
कैसे नीम जिये?
-शीलेन्द्र सिंह चौहान
(लखनऊ)
झगड़े रोज किये
तनातनी के इस मौसम में
कैसे नीम जिये?
जिनकी पूजा कल तक करते
थे दिन दिन भर लोग
जाने कैसे उन्हें लग गया
यह संक्रामक रोग
इनके हाथ कुल्हाड़ी है वो
आरा हाथ लिये
अपनी अपनी फिकर सभी को
करे फैसला कौन
सारा जंगल गुमसुम बैठा
देख रहा हो मौन
आगे खुदीं खाईयाँ पीछे
गहरे खुदे कुएँ
जिनकी शीतल छाया कल तक
लगती थी अभिराम
आग उगलना ही बस उनका
एक रह गया काम
यहाँ वहाँ हर जगह दिख रहे
फैले हुये धुएँ
तनातनी के इस मौसम में
कैसे नीम जिये?
-शीलेन्द्र सिंह चौहान
(लखनऊ)
जिनकी शीतल छाया कल तक
जवाब देंहटाएंलगती थी अभिराम
आग उगलना ही बस उनका
एक रह गया काम
यहाँ वहाँ हर जगह दिख रहे
फैले हुये धुएँ
तनातनी के इस मौसम में
कैसे नीम जिये?
बहुत सुंदर नवगीत शीलेंद्र जी। आतंकवाद,वृक्षारोपण के स्थान पर वृक्षों की कटाई, शहरों की बढ़ती आबादी, खाली होते गाँव, प्रदूषण सब ने सचमुच इन मूक वनस्पतियों के जीवित रहने की समस्याएँ सोचने को मजबूर कर रही है। सुंदर शब्दों में बाँधा है आपने, इस नवगीत में। बधाई।
शीलेन्द्र जी को सुंदर नवगीत के लिए बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंआदरणीय शीलेन्द्र सिंह चौहान के पुष्ट नवगीत मैंने आदरणीय पूर्णिमा वर्मन जी के यहाँ एक संक्षिप्त काव्य संध्या में सुने थे. मुहावरेदार शैली में बड़े चुटीले अंदाज़ वाले नवगीत मुझे बहुत अच्छे लगे थे."बैठो अभी, अभी बस साहब आने वाले हैं." "जब मैं तुमको मिलूं कभी भी." "राजनीति की लंका में सब." "उल्लू बैठे पढ़ें फ़ारसी." आदि आदि. यह नवगीत भी उनकी अपनी विशिष्ट शैली का नमूना है.
जवाब देंहटाएंइनके हाथ कुल्हाड़ी है वो
आरा हाथ लिये....
जिनकी शीतल छाया कल तक
लगती थी अभिराम
आग उगलना ही बस उनका
एक रह गया काम
यहाँ वहाँ हर जगह दिख रहे
फैले हुये धुएँ
तनातनी के इस मौसम में
कैसे नीम जिये?
पर्यावरणीय चिंता से आविष्ट एक बढिया नवगीत.
sunadar navgeet hai
जवाब देंहटाएं