30 मई 2014

कार्यशाला- ३४ खिलते हुए कनेर

खिलते हुए कनेर के फूल किसे आकर्षित नहीं करते! वे घरों की चारदीवारी पर कोमल फुलझरियों की तरह झूलते हैं, बगीचों में साल भर रंगों की पताकाएँ फहराते हैं और पूजा  की थाली का मान बढ़ाते हैं। ऐसे सुंदर फूल पर आधारित है हमारी नयी कार्यशाला।  रचना भेजने की अंतिम तिथि 10 जून है। लेकिन पहले आने वाली रचनाओं को इससे पहले भी प्रकाशित किया जा सकेगा। पता है- navgeetkipathshala@gmail.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपकी टिप्पणियों का हार्दिक स्वागत है। कृपया देवनागरी लिपि का ही प्रयोग करें।