श्रीकृष्ण भारतीय साहित्य के सबसे महत्वपूर्ण नायकों में से हैं। न केवल साहित्य बल्कि लोक में उनको लेकर कथा-कहानी-नृत्य-गीत की अनेक विधाएँ अनेक रंगों में अपनी उपस्थिति बनाए हुए हैं। नवगीत में भी श्रीकृष्ण को केंद्र में रखकर समसामयिक रचनाएँ की गई हैं। हमारी अगली कार्यशाला भी इसी विषय पर आधारित है। नवगीत की पाठशाला नामक फेसबुक के सदस्य १४-१५-१६ अगस्त को समूह में अपने गीत प्रकाशित कर सकते हैं। चुने हुए गीतों को अनुभूति के जन्माष्टमी विशेषांक में शामिल किया जा सकेगा। अन्य रचनाकारों के लिये नवगीत भेजने की अंतिम तिथि है १६ अगस्त २०१४, पता है- navgeetkipthshala@gmail.com
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