दुःख सुख क्या है
वक्त का अँधेरा है
फैला है चारो ओर
कव होगा सवेरा
कब मिटेंगे दुःख मेरे
जीवन फिर महकेगा
दुःख के अंधेरो मे
आशा के होने से
विजली तो चमकती है
ऐसा समय आयेगा
फिर सुख के दिन होंगे
सूरज फिर चमकेगा
जीवन मे देखो तो
हैं रात बड़ी लम्बी
घनघोर है अँधेरा
दुःख का है कथानक
सुख महज प्रसंग है
कौन सदा चहकेगा
--हरि शर्मा
जीवन में आशा के महत्व पर प्रकाश डालती हुई रचना।
जवाब देंहटाएंसुख महज प्रसंग है।
अच्छी पंक्ति लगी
मुझे रचना बहुत प्रभाव छोड़ती नहीं लगती।
सादर