23 सितंबर 2009

१४- भारत एकीकरण

जब देश आजाद हुआ, काम था कठिन और बड़ा
कैसे एक हो भारत, जो था टुकडो में बिखरा पड़ा

सबको लग रही थी चिन्ता बड़ी भारी
सरदार पटेल को सोपी ये जिम्मेदारी
पटेल जी ने तुंरत समस्या सिर धारी
जीत उसका लक्ष्य हार भी उससे हरी

सीना तान के एकीकरण को लोह्पुरुष निकल पड़ा
जब देश आजाद हुआ, काम था कठिन और बड़ा

साम दाम दंड भेद जो भी बन पड़ा अपनाया
सब देशी राजाओं को घर घर जाकर मनाया
जो नहीं माना उसको डंडे का बल दिखलाया
सबको भारत में मिलकर वृहत भारत बनाया

सरदार पटेल ने सबको एक मंच पर किया खडा
जब देश आजाद हुआ, काम था कठिन और बड़ा

विमल कुमार हेडा

9 टिप्‍पणियां:

  1. गाँधी की राह पर चल पटेल अमर हो गये

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  2. मेरा गीत भी प्रसारित हुआ इसके लिए बहुत बहुत आभार एवम धन्यवाद , साथ ही साथ सभी पाठको एवम रचनाकारों का भी बहुत बहुत आभार एवम धन्यवाद ,

    विमल कुमार हेडा
    T-3/ 61 L Anupratap Colony,
    PO- Bhabhanagar, Dist. Chittor Garh (Raj),
    Via Kota (Rajasthan)

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  3. it is wonderful to read your buitefull and anargetic poetry dear vimal ji keep it up we want to see your name with great poets.

    thanks for navgeet to provide such a platform in which new poet can give their entry and by this they can improve their poetry and learn the tricks of how to write buitful poetry.

    thanks once again to my dear vimal ji

    govind verma

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  4. बेहद सुंदर रचना है यह...
    मीत

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  5. स्वतन्त्रता संग्राम की गाथा एक बार फिर से पढ़ी है आपकी रचना में । साथ ही पटेल जैसे सैनानी को स्मरण करने के लिये धन्यवाद ।

    एक सुन्दर रचना । बधाई ।

    शशि पाधा

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  6. kya sunder kavita likhi man prassan ho gaya bahut sunder bhav hai.
    saader
    rachana

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  7. धन्यवाद गोविन्दजी, आपकी शुभकामनाओ के लिए बहुत बहुत आभार एवम धन्यवाद,
    साथ ही सुनील डोगरा जी एवं मीत जी और सभी पाठको का भी बहुत बहुत आभार एवम धन्यवाद
    पाठको के बिना अच्छी कविता भी अधूरी है
    अच्छे कवी के लिए पाठको का होना जरुरी है
    विमल कुमार हेडा

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  8. Aap ki rachna padhkar prassanta hui & aasha karta hun ki aap bhi aane wale samaya mein sunder sunder kavitaen kisi rashtriya aivam antarrashriya manch par sunne ko mile

    ( Murlidhar Chourasiya)

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  9. AAP NE LOH PURUSH KO YAD KAR BADA HI SHANDAR KAM KIYA HE.

    RC VIJAYVARGIYA

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