22 फ़रवरी 2010
८- कुछ तो कहीं हुआ है : अमित
कुछ तो कहीं हुआ है
भाई,
कुछ तो कहीं हुआ है
झमझम बारिश है बसंत में
सावन में पछुआ है
कुछ तो
कहीं हुआ है
हुई कूक
कोयल की गायब
बौर लदी अमराई गायब
सरसों
फूली सहमी-सहमी
फागुन से अँगड़ाई गायब
मौसम-चक्र पहेली जैसा
मानव ज्यों भकुआ है
कुछ तो
कहीं हुआ है
जीवन से
जीविका बड़ी है
मन, मौसम में जंग छिड़ी है
मानव का
अस्तित्त्व गौण है
नास्डॉक पर नज़र गड़ी है
पीछे गहरी खाँई उसके
आगे पड़ा कुआँ है
कुछ तो
कहीं हुआ है
तुलसी-
सूर-कबीर कहाँ तक
देगें साथ फ़कीर कहाँ तक
घोर
कामना के जंगल में
राह दिखायें पीर कहाँ तक
राम नाम जिह्वा पर लेकिन
चिन्तन में
बटुआ है
कुछ तो कहीं हुआ है
--
अमित
(इलाहाबाद)
Labels:
कार्यशाला : ०७
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वाह!अमित जी,बहुत बढ़िया रचना है।बहुत सुन्दर भाव हैं....पूरी रचना इतनी सरस है के बहती चली गई...बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएं"kuchh to hua hai bhaee kuchh to hua " bebak bahu kahnevala navgeet
जवाब देंहटाएंअमित जी! आप तो नवगीत के महारथी हैं। फिर से एक शानदार नवगीत लिखने के लिए बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंसंगम-तट से आया,
जवाब देंहटाएंलयात्मकता से सराबोर,
मन-भाता नवगीत!
--
कह रहीं बालियाँ गेहूँ की –
"नवसुर में कोयल गाता है, मीठा-मीठा-मीठा!
श्रम करने से मिले सफलता,परीक्षा सिर पर आई! "
--
संपादक : सरस पायस
वाह अमित जी, सही अर्थों में दूसरा नवगीत देखने में आया। भकुआ शब्द का शायद कार्यशाला में पहली बार प्रयोग हुआ है। भकुआ उसे कहते हैं जिसकी अक्ल गुम गई हो, हत्बुद्धि। साहित्यिक शब्दों के साथ बड़ी ही चतुरता से गीतकार ने तुक के रूप में इस शब्द का प्रयोग किया है। हो सकता है यह शब्द आंचलिक हो लेकिन शब्दकोश में मिल जाएगा। लगता है कार्यशाला धूम मचाने पर आ रही है।
जवाब देंहटाएंकोयल की गायब
जवाब देंहटाएंबौर लदी अमराई गायब
सरसों
फूली सहमी-सहमी
फागुन से अँगड़ाई गायब
मौसम-चक्र पहेली जैसा
मानव ज्यों भकुआ है
कुछ तो
कहीं हुआ है
KYA SUNDER PANKTIYAN HAI
RACHANA
अमित जी ! लयपूर्ण एवं रसपूर्ण -बहुत भाया आपका नवगीत।
जवाब देंहटाएंदुबारा पढ़ने की इच्छा भी बरकरार रही।
मौसम-चक्र पहेली जैसा
जवाब देंहटाएंमानव ज्यों भकुआ है
कुछ तो
कहीं हुआ है
सुंदर...
बधाई...अमित जी
गीता पंडित
अमित जी,
जवाब देंहटाएंइस बार फिर से एक उत्कृष्ट नवगीत लेकर पधारें हैं आप । और कुछ नए शब्दों से परिचित कराने के लिये धन्यवाद ।
शशि पाधा
'भकुआ' का प्रयोग भाया. 'नास्डॉक' का अर्थ टिप्पणी में अपेक्षित है. रचना मन को भायी.
जवाब देंहटाएंvery nice.
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