15 मार्च 2010
२८- दिल हुआ बाग बाग : विमल कुमार हेडा
पिया देखो तो -
कैसा मौसम आया है?
दिल हुआ बाग बाग, मन भी हर्षाया है!
मन करता है -
कलियों संग झूमूं मैं,
फूलों की
मुस्कान को चूमूं मैं,
पर तितलियों ने मुझको बहकाया है!
पिया देखो तो------
मन करता है,
सरसों संग लहराऊँ मैं,
ओढ़ चुनरिया
पीली इठलाऊँ मैं,
पर पवन ने आँचल मेरा उड़ाया है,
पिया देखो तो -
मन करता है -
फागुन गीत सुनाऊँ मैं,
मधुर राग गा
तुझको रिझाऊँ मैं,
पर कोयल ने मेरा कंठ चुराया है,
पिया देखो तो -
मन करता है,
पंछी बन जाऊं मैं,
वन उपवन
उड़ान भर आऊं मैं,
पर पतंगों ने मुझको लुभाया है,
पिया देखो तो -
मन करता है,
बयार बन जाऊं मैं,
तितली संग
डोलूँ-लहराऊँ मैं,
पर भंवरों ने मुझको बहुत डराया है,
पिया देखो तो -
मन करता है -
सतरंगी बन जाऊं मैं,
तुझ संग फागुन
रंग रमाऊं मैं,
पर ऋतुराज बसंत ने मुझको रिझाया है,
पिया देखो तो -
मन करता है,
फूलवारी बन जाऊं मैं,
खुशबू से
जीवन महकाऊँ मैं,
पर तेरे प्यार ने पागल मुझको बनाया है,
पिया देखो तो -
--
विमल कुमार हेडा
रावतभाटा, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)
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कार्यशाला : ०७
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वाह लम्बे इंतजार के बाद मेरा भी गीत प्रसारित हुआ, नवगीत की पाठशाला को धन्यवाद, एवं साथ ही सभी पाठक गणों का भी धन्यवाद
जवाब देंहटाएंविमल कुमार हेडा
मन करता है,
जवाब देंहटाएंपंछी बन जाऊं मैं,
वन उपवन
उड़ान भर आऊं मैं,
पर पतंगों ने मुझको लुभाया है,
पिया देखो तो -
मन करता है,
बयार बन जाऊं मैं,
तितली संग
डोलूँ-लहराऊँ मैं,
पर भंवरों ने मुझको बहुत डराया है,
पिया देखो तो -
मन करता है -
सतरंगी बन जाऊं मैं,
तुझ संग फागुन
रंग रमाऊं मैं,
पर ऋतुराज बसंत ने मुझको रिझाया है,
पिया देखो तो -
in panktiyon ne navgeet ke pathakon ko beshak rijhaya hai .dhnyavaad
bahut hi sunder geet
जवाब देंहटाएंhar panktiya sunder hai
bahut bahut badhai
saader
rachana
khoobsuurat rachna.
जवाब देंहटाएंaap ya to anonymous rahiye aur ya fir naam ke saath dikhiye ji.
जवाब देंहटाएंsunder geet.
aadarniya sir---ab basant aaya hai waqai mebasant par bahut himanko hrshhna wale geet likhhain hai aapane.shubhkamnao kesaath.
जवाब देंहटाएंpoonam
मन करता है,
जवाब देंहटाएंसरसों संग लहराऊँ मैं,
ओढ़ चुनरिया
पीली इठलाऊँ मैं ... ... .
--
पढ़कर मन झूमने लगा!
विमल जी द्वारा बहुत बढ़िया कोशिश की गई है!
मित्र! गीत में वर्णन या कथन की अपेक्षा अनुभूति हो तो भाव प्रवणता मर्म को स्पर्श करती है. दिमाग के स्थान पर दिल अधिक बोले तो गीत मन को छूता है. प्रयास अच्छा है.
जवाब देंहटाएंमन करता है -
जवाब देंहटाएंसतरंगी बन जाऊं मैं,
तुझ संग फागुन
रंग रमाऊं मैं,
पर ऋतुराज बसंत ने मुझको रिझाया है,
पिया देखो तो -
मन की बात मान लेन ही अच्छा है क्यूँकि मन सुन्दर स्वपन देख रहा है । मनमोहक गिट के लिये बधाई ।
शशि पाधा