नागार्जुन की एक लोकप्रिय कविता के शीर्षक से प्रेरित होकर इस बार "नवगीत की पाठशाला" पर होनेवाली कार्यशाला : १० का विषय "मेघ बजे" रखा गया है! पूरे सावन-भर बरखा की फुहारों ने हमारे साथ ख़ूब छेड़खानी की! और अभी भी यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है! पूरी प्रकृति के साथ हम सब भी बरसात का संपूर्ण आनंद ले रहे हैं! उसके अनुकूल और प्रतिकूल, दोनों प्रकार के प्रभावों से साक्षात्कार कर रहे हैं! सबके मन में कुछ न कुछ रचने की प्रेरणा भी जागृत हो ही रही है! इसलिए इस बार विषय की घोषणा पहले ही कर दी गई थी! इस विषय पर नवगीत रचकर भेजने की अंतिम तिथि १५ अगस्त २०१० रखी गई थी! अब तक हमें एक दर्जन नवगीत प्राप्त हो चुके हैं! हमेशा की तरह इस बार भी नवगीत भेजने के लिए कुछ समय और दिया जा रहा है! अब इस विषय पर नवगीत १० सितंबर २०१० तक भेजे जा सकते हैं! गीत वर्षा पर आधारित हो, "मेघ बजे" शब्द इसमें हों या न हों, यह रचनाकार की इच्छा पर निर्भर करता है! नवगीत केवल navgeetkipathshala@gmail.com पते पर भेजें! अन्य पतों पर भेजे गए नवगीत स्वीकार नहीं किए जाएँगे! नवगीतों का प्रकाशन २ सितंबर २०१० से प्रारंभ कर दिया जाएगा! शेष नियमावली पूर्ववत् रहेगी! स्नेहिल शुभकामनाओं के साथ -
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समूह : नवगीत की पाठशाला
(२९ अगस्त २०१०)
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समूह : नवगीत की पाठशाला
(२९ अगस्त २०१०)
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