आप हम सब खुश रहें!
खेत खलिहानों में
पैदावार हो
हसरतों का ना कहीं
व्यापार हो
बाल बच्चों को मिले
शिक्षा अमित
बहन बेटी घूम पाएँ
भय रहित
हो तरक्की
और
नदियाँ भी बहें
आप हम सब खुश रहें।
गैर की दहलीज पर
जब जाएँ हम
मोल इज़्ज़त का
न दे के आएँ हम
बाँह फैला के
सभी को स्थान दें
साथ ही सरहद पे भी
हम ध्यान दें
ताकि भावी पीढ़ियाँ
सब सुख लहें
आप हम सब खुश रहें।
हम रहें खुश
इस तरह कुछ
इस बरस
विश्व को
आए न हम तुम पे
तरस
हम भी हैं कुछ
विश्व को
बतलाएँ हम
कंधे से कंधा मिला
बतियाएँ हम
देख तन गोरा
न स्तर से ढहें
आप हम सब खुश रहें।
नवीन चतुर्वेदी
मुंबई
क्या बात है नवीन भाई, नए वर्ष पर इससे अच्छी रचना और क्या हो सकती है। बधाई
जवाब देंहटाएंsundar rachna!
जवाब देंहटाएंकाश ऐसा ही हो ...अच्छा नवगीत
जवाब देंहटाएंआदरणीया संगीता स्वरूप जी, अनुपमा जी और मित्र धर्मेन्द्र भाई आप सभी की बहुमूल्य टिप्पणियों के लिए सहृदय आभार|
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी ओर सुंदर रचना धन्यवाद
जवाब देंहटाएंगैर की दहलीज पर
जवाब देंहटाएंजब जाएँ हम
मोल इज़्ज़त का
न दे के आएँ हम
बाँह फैला के
सभी को स्थान दें
साथ ही सरहद पे भी
हम ध्यान दें
सार्थक सम-सामयिक पंक्तिया..... बधाई.
आदरणीय आचार्य जी एवम् राज भाटिया जी आप दोनो के आशिर्वचनों से मैं अनुग्रहीत हुआ|
जवाब देंहटाएंआदरणीया संगीता स्वरूप जी इस अनुग्रह के लिए बारम्बार आभार|
nice one.
जवाब देंहटाएंnaye saal ka swaagat karti utkrisht kavita....badhai ho....
जवाब देंहटाएंगैर की दहलीज पर
जवाब देंहटाएंजब जाएँ हम
मोल इज़्ज़त का
न दे के आएँ हम
बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति..बहुत सुन्दर
आदरणीय सलिल जी और भाई सत्यम शिवम जी आभार उत्साह वर्धन के लिए
जवाब देंहटाएंगैर की दहलीज पर
जवाब देंहटाएंजब जाएँ हम
मोल इज़्ज़त का
न दे के आएँ हम
बाँह फैला के
सभी को स्थान दें
साथ ही सरहद पे भी
हम ध्यान दें
ताकि भावी पीढ़ियाँ
सब सुख लहें
आप हम सब खुश रहें।
ye prarthna to shayad kisi ne sochi ho aap ne bahut uttam baat kah di
badhai
saader
rachana
रचना जी एवं कैलाश जी बहुत बहुत आभार उत्साह वर्धन के लिए
जवाब देंहटाएंआदरणीय नवीनजी हम ऐसी ही नवीनता के कायल हैं जिसका बीजारोपण आपकी अनुभूति में हुआ है । हार्दिक
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं हम रहें खुश
इस तरह कुछ
इस बरस
विश्व को
आए न हम तुम पे
तरस
हम भी हैं कुछ
विश्व को
बतलाएँ हम
कंधे से कंधा मिला
बतियाएँ हम
देख तन गोरा
न स्तर से ढहें
आप हम सब खुश रहें।
भाई शंभू शरण मंडल जी उत्साह वर्धन के लिए बारम्बार अभिनंदन|
जवाब देंहटाएंगैर की दहलीज पर
जवाब देंहटाएंजब जाएँ हम
मोल इज़्ज़त का
न दे के आएँ हम
बाँह फैला के
सभी को स्थान दें
साथ ही सरहद पे भी
हम ध्यान दें
सार्थक और सुंदर प्रवाहमय रचना...
.आभार और बधाई...
शुभकामनाएं..
गीता पंडित...
गीता जी उत्साह वर्धन के लिए बहुत बहुत आभार|
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