28 अप्रैल 2011

२८. देश की हालत में अब सुधार है

अभी अभी मिला एक
अपुष्ट समाचार है,
देश की हालत में अब
कुछ कुछ सुधार है

भूखों को कहीं कहीं
अब रोटी हुई नसीब,
गरीबी नही बढी उनकी
जो पहले भी थे गरीब,
कुछ भ्रष्टों को सता रहा
अब स्वयं भ्रष्टाचार है,
देश की हालत में अब
कुछ कुछ सुधार है

पहले लगाते थे कुछ
शिष्ट सभ्य एक ’जी’
अब दो ’जी’, तीन ’जी’
पर भी लुटाने को हैं राजी
काली कमाई की खातिर
बढा ’जी’ शिष्टाचार है
देश की हालत में अब
कुछ कुछ सुधार है
 
(ओंम प्रकाश नौटियाल- वडोदरा , गुजरात)

1 टिप्पणी:

  1. भूखों को कहीं कहीं
    अब रोटी हुई नसीब,
    गरीबी नही बढी उनकी
    जो पहले भी थे गरीब,
    कुछ भ्रष्टों को सता रहा
    अब स्वयं भ्रष्टाचार है,
    देश की हालत में अब
    कुछ कुछ सुधार है


    हालात का अवलोकन करती यह पंक्तियाँ पसंद आई

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