नवगीतों के रथ पर चढ़कर
आया नूतन वर्ष
स्वर्णिम आभा युक्त किरण है
नया लगे आकाश
मंगलमय हर दिन, प्रभात हो
चमक उठे विश्वास
दृढ़ संकल्पों के पथ पर चल
पल पल हो उत्कर्ष
नई उम्मीदें और आशाएं
क्यों कमतर होंगे
बीत गए वो भी अच्छे थे
अब बेहतर होंगे
जीवन सुखमय हो जाएगा
मिलकर हो संघर्ष
-कृष्ण कुमार तिवारी 'किशन'
बरेली से
बहुत सुंदर गीत है, किशन जी को बधाई
जवाब देंहटाएंबीत गए वो भी अच्छे थे
जवाब देंहटाएंअब बेहतर होंगे
बहुत सुन्दर गीत .............बीते दिनों से भी कोई शिकायत नहीं .....आशावादी दृष्टिकोण के साथ नववर्ष का स्वागत करता हुआ एक सुन्दर गीत
बीत गए वो भी अच्छे थे
जवाब देंहटाएंअब बेहतर होंगे
बहुत सुन्दर सकारात्मक लहरियाँ बिखेरता गीत
गीत बहुत अच्छा लगा
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