4 मार्च 2012

कार्यशाला- २१, फूल हरसिंगार के

प्रतिवर्ष जून के दूसरे सप्ताह में अभिव्यक्ति एवं अनुभूति में किसी भारतीय पुष्प पर आधारित विशेषांक प्रकाशित होते हैं। इस क्रम में अभी तक गुलमोहर, अमलतास, कचनार, कदंब, पलाश और कमल पर विशेषांक प्रकाशित कर चुके हैं। इस वर्ष के लिये 'हरसिंगार' का चुनाव किया गया है। क्यों न अभी से नवगीतों पर काम करें और हरसिंगार को अपनी रचनाओं का विषय बनाएँ।
हरसिंगार को पारिजात, प्राजक्ता, शेफाली, शेफालिका, शिवली, शिउली आदि अनेक नामों से जाना जाता है। यह कौन सा फूल है इसे चित्र देखकर समझा जा सकता है। रचना के लिये किसी भी पर्यायवाची का प्रयोग किया जा सकता है लेकिन ध्यान रखना चाहिये कि वह शब्द हरसिंगार के पेड़ या फूल के लिये ही प्रयुक्त किया जाता हो। रचना भेजने की अंतिम तिथि २० मार्च है। पर रचनाएँ जल्दी पहुँच गईं तो पहले से ही प्रकाशित करना शुरू कर देंगे। रचना निश्चित रूप से नवगीत विधा में रची हुई होनी चाहिये। यह भी ध्यान रखना है कि शीर्षक पर समस्यापूर्ति नहीं करनी है। रचना भेजने का पता है- navgeetkipathshala@gmail.com
खेद ही कि कुछ अपरिहार्य कारणों से कार्यशाला- २० की समीक्षा का प्रकाशन नहीं हो सका है। यह जैसे ही मिलती है प्रकाशित कर देंगे।

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