मन के द्वारे पर
खुशियों के
हरसिंगार रखो.
जीवन की ऋतुएँ बदलेंगी,
दिन फिर जायेंगे,
और अचानक आतप वाले
मौसम आयेंगे,
संबंधों की
इस गठरी में
थोडा प्यार रखो.
सरल नहीं जीवन का यह पथ,
मिलकर काटेंगे ,
हम अपना पाथेय और सुख, दुःख
सब बाँटेंगे,
लौटा देना प्यार
फिर कभी,
अभी उधार रखो.
- त्रिलोक सिंह ठकुरेला
आबू रोड- ( राजस्थान )
खुशियों के
हरसिंगार रखो.
जीवन की ऋतुएँ बदलेंगी,
दिन फिर जायेंगे,
और अचानक आतप वाले
मौसम आयेंगे,
संबंधों की
इस गठरी में
थोडा प्यार रखो.
सरल नहीं जीवन का यह पथ,
मिलकर काटेंगे ,
हम अपना पाथेय और सुख, दुःख
सब बाँटेंगे,
लौटा देना प्यार
फिर कभी,
अभी उधार रखो.
- त्रिलोक सिंह ठकुरेला
आबू रोड- ( राजस्थान )
बढ़िया ।
जवाब देंहटाएंआभार ।
बहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
हटाएं-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
जीवन की ऋतुएँ बदलेंगी,दिन फिर जायेंगे,
जवाब देंहटाएंऔर अचानक आतप वाले मौसम आयेंगे,
संबंधों की इस गठरी में थोडा प्यार रखो.
सुन्दर भाव लिये यह गीत, त्रिलोक सिंह जी को बहुत बहुत बधाई,
धन्यवाद।
विमल कुमार हेड़ा।
बहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
हटाएं-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
कोमल सुंदर भाव ..
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना ...
शुभकामनायें ..!
बहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
हटाएं-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
बहुत सुंदर भाव पूर्ण रचना। त्रिलोकसिंह जी,बधाई स्वीकव्र करें।
जवाब देंहटाएंजीवन की ऋतुएँ बदलेंगी,
दिन फिर जायेंगे,
और अचानक आतप वाले
मौसम आयेंगे,
संबंधों की
इस गठरी में
थोडा प्यार रखो.
बहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
हटाएं-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
लौटा देना प्यार
जवाब देंहटाएंफिर कभी,
अभी उधार रखो.............
बहुत ही सुंदर और कवी की उदारता परिलक्षित सी दीखाई देती है.
बहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
हटाएं-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
अद्भुत शब्द संयोजन और गीत गति के साथ भाव का समन्वय .. आनन्द आ गया - बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
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संबंधों की इस गठरी में थोडा प्यार रखो....एक मृदुल गीत, जीवन सन्देश देता हुआ... बधाई त्रिलोक जी.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
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लौटा देना प्यार
जवाब देंहटाएंफिर कभी,
अभी उधार रखो
बहुत सुंदर पंक्तियाँ हैं ये नवगीत की। इस शानदार नवगीत के लिए ठकुरेला जी को बहुत बहुत बधाई
बहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
हटाएं-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
बहुत सरल शब्दों में गहरे भाव लिये ....बहुत बहुत सुन्दर नवगीत है ....बधाई आपको ...!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
हटाएं-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
भावपूर्ण गीत मार्मिक, आशावादी , सकारात्मक -प्रेरणा प्रदान करता है .
जवाब देंहटाएंअचानक आतप वाले
मौसम आयेंगे, ....पंक्तियाँ संघर्षों और दुःख का प्रतीक हैं .
थोडा प्यार रखो. इस पंक्ती में प्यार को परिभाषित किया है .प्यार से ही सारी दुनिया को जोड़ सकते हैं .जीवन रूपी पुष्प प्यार से ही खिलता है .आज की पीढ़ी के लिए उर्जावान गीत है .
बधाई .
मंजु गुप्ता
वाशी , नवी मुम्बई
भारत .
भावपूर्ण गीत मार्मिक, आशावादी , सकारात्मक -प्रेरणा प्रदान करता है .
जवाब देंहटाएंअचानक आतप वाले
मौसम आयेंगे, ....पंक्तियाँ संघर्षों और दुःख का प्रतीक हैं .
थोडा प्यार रखो. इस पंक्ती में प्यार को परिभाषित किया है .प्यार से ही सारी दुनिया को जोड़ सकते हैं .जीवन रूपी पुष्प प्यार से ही खिलता है .आज की पीढ़ी के लिए उर्जावान गीत है .
बधाई .
मंजु गुप्ता
वाशी , नवी मुम्बई
भारत .
बहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
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सरल नहीं जीवन का यह पथ,
जवाब देंहटाएंमिलकर काटेंगे ,
हम अपना पाथेय और सुख, दुःख
सब बाँटेंगे,
लौटा देना प्यार
फिर कभी,
अभी उधार रखो
पूरा गीत ही बहुत सुन्दर है , सुन्दर भाव और सुन्दर शब्द किन्तु यह पंक्तियाँ तो जीने कॉ मंत्र हैं | बधाई आपको |
सादर
शशि पाधा
बहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
हटाएं-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
ठकुरेला जी बहुत सुन्दर नवगीत रचते हैं, हरसिंगार पर इतना सुन्दर नवगीत लिखने के लिए हार्दिक वधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
हटाएं-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
सरल नहीं जीवन का यह पथ,
जवाब देंहटाएंमिलकर काटेंगे ,
हम अपना पाथेय और सुख, दुःख
सब बाँटेंगे,
लौटा देना प्यार
सुन्दर भाव
rachana
बहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
हटाएं-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
गीत मीठा और सकारात्मक है |
जवाब देंहटाएंअवनीश तिवारी
बहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
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लौटा देना प्यार
जवाब देंहटाएंफिर कभी,
अभी उधार रखो.
क्या शब्द दिए हैं भावनाओं को ......बहुत सुन्दर नवगीत त्रिलोक सिंह ठकुरेला जी
बहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
हटाएं-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
हार्दिक बधाई स्वीकारें भाई त्रिलोक सिंह ठाकुरेला जी इस बहुत अच्छे गीत के लिए| हमारी रागात्मक चेतना को टेरता है यह गीत|
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
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मन के द्वारे पर
जवाब देंहटाएंखुशियों के
हरसिंगार रखो.
आशा और संभावना के नव दीप जलाता सा नवगीत. आपकी कलम को नमन.
बहुत बहुत आभार. धन्यवाद.
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