जीवन हमारा
फूल हरसिंगार-सा
जो खिल रहा है आज,
कल झर जायगा !
इसलिए, हर पल विरल
परिपूर्ण हो रस-रंग से,
मधु-प्यार से !
डोलता अविरल रहे हर उर
उमंगों के उमड़ते ज्वार से !
एक दिन, आख़िर,
चमकती हर किरण बुझ जायगी...
और चारों ओर
बस, गहरा अँधेरा छायगा !
मत लगाओ द्वार अधरों के
दमकती दूधिया मुसकान पर,
हो नहीं प्रतिबंध कोई
प्राण-वीणा पर थिरकते
ज़िन्दगी के गान पर !
जीवन हमारा
फूल हरसिंगार-सा
एक दिन उड़ जायगा सब ;
फिर न वापस आयगा !
-महेन्द्र भटनागर
ग्वालियर
फूल हरसिंगार-सा
जो खिल रहा है आज,
कल झर जायगा !
इसलिए, हर पल विरल
परिपूर्ण हो रस-रंग से,
मधु-प्यार से !
डोलता अविरल रहे हर उर
उमंगों के उमड़ते ज्वार से !
एक दिन, आख़िर,
चमकती हर किरण बुझ जायगी...
और चारों ओर
बस, गहरा अँधेरा छायगा !
मत लगाओ द्वार अधरों के
दमकती दूधिया मुसकान पर,
हो नहीं प्रतिबंध कोई
प्राण-वीणा पर थिरकते
ज़िन्दगी के गान पर !
जीवन हमारा
फूल हरसिंगार-सा
एक दिन उड़ जायगा सब ;
फिर न वापस आयगा !
-महेन्द्र भटनागर
ग्वालियर
सुंदर है
जवाब देंहटाएंजीवन की क्षणभंगुरता को हरसिंगार के फूल के माध्यम से प्रस्तुत कर एक बड़ा संदेश दे रहा है महेन्द्र भटनागर जी का यह नवगीत
जवाब देंहटाएंsundar....
जवाब देंहटाएंजीवन की नश्वरता को याद दिलाता हुआ अति सुन्दर नवगीत ,
जवाब देंहटाएंजीवन की नश्वरता को याद दिलाता हुआ अति सुन्दर नवगीत ,
जवाब देंहटाएंसुंदर नवगीत है।
जवाब देंहटाएंनवगीत मोहक है .
जवाब देंहटाएंशब्दों का चयन ह्रदय को प्रभावित करता है .
हरसिंगार-सा में उपमा अलंकार है .
भाषा प्रतीकात्मक है .
इसलिए, हर पल विरल
परिपूर्ण हो रस-रंग से,
मधु-प्यार से !
डोलता अविरल रहे हर उर
उमंगों के उमड़ते ज्वार से !.........में प्यार का सौंदर्य है .
हरसिंगार फूल के द्वारा जीवन शाश्वत नहीं है , नाशवान है का प्रमाण दृष्टिगोचर होता है . जो कटु सत्य है .
मंजु गुप्ता
वाशी , नवी मुंबई .
भारत .
भूल सुधार उपरोक्त टिप्पणी में रचनाकार का नाम श्री महेन्द्र भटनागर जी का उल्लेख करने के स्थान पर परमेश्वर फूंक्वाल जी का नाम भूलवश हो गया है। क्षमायाची हूं
जवाब देंहटाएंकथ्य शिल्प हर दृष्टि से सधे हुए नवगीत के लिए महेन्द्र भटनागर जी को बधाई
जवाब देंहटाएंमत लगाओ द्वार अधरों के
जवाब देंहटाएंदमकती दूधिया मुसकान पर,
हो नहीं प्रतिबंध कोई
प्राण-वीणा पर थिरकते
ज़िन्दगी के गान पर !
मोहक नवगीत बधाई
rachana
हरसिंगार के माध्यम से जीवन की नश्वरता को इंगित करता शब्द-सम्पदा, भाव-सम्पदा और कल्पना की सामर्थ्य को उद्घाटित करता मर्मस्पर्शी नवगीत हेतु आपको प्रणाम.
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