15 अक्तूबर 2012

कार्यशाला- २४ दीप जले टल गए अँधेरे


उत्सवों का मौसम शुरू हो गया है और दीपावली आने को है तो दीप और प्रकाश की याद हो आना स्वाभाविक है। सबके मन में दीप जलें, घर चौबारे और दुनिया के आँगन में सुख का प्रकाश फैले इसी धारणा को लेकर लिया गया है इस बार के नवगीत का विषय।
 
शीर्षक में दिये गए शब्द नवगीत में हों यह जरूरी नहीं है पर दीपावली की उत्सवधर्मिता बनी रहे यह आवश्यक है। कार्यशाला के चुने हुए गीत अनुभूति के दीपावली विशेषांक में प्रकाशित किये जाएँगे। नवगीत भेजने की अंतिम तिथि है- २५ अक्तूबर, लेकिन पहले प्राप्त हुई रचनाओं का प्रकाशन पहले ही प्रारंभ हो जाएगा। रचनाएँ इस पते पर भेजी जानी चाहिये।-

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