बदल रहे सप्ताह, महीने, साल
मगर है प्रश्न
क्या समय बदल गया ?
नए कैनवस पर रेखाएं
बदलीं
चित्र पुराने हैं
स्याही कागज़ नए
शब्द लेकिन
जाने पहचाने हैं
रौनक तिथि-पत्रों की बदली
और आखिर क्या बदल गया
मजबूरी की आह
अभी तक
भिंची हुयी है मुट्ठी में
नम आँखों की चाह
अब तलक बंद
पुरानी चिट्ठी में
कंठों के स्वर बदले पर
क्या गीत पुराना बदल गया ?
मोहग्रस्त बीमार
रिवाजों के हम
अब तक साथ चले
ना कथनी की
आँख खुली है
ना करनी के दिन बदले
बदलो तुम और बदले हम
तो लगे की हाँ कुछ बदल गया
-सीमा अग्रवाल
मगर है प्रश्न
क्या समय बदल गया ?
नए कैनवस पर रेखाएं
बदलीं
चित्र पुराने हैं
स्याही कागज़ नए
शब्द लेकिन
जाने पहचाने हैं
रौनक तिथि-पत्रों की बदली
और आखिर क्या बदल गया
मजबूरी की आह
अभी तक
भिंची हुयी है मुट्ठी में
नम आँखों की चाह
अब तलक बंद
पुरानी चिट्ठी में
कंठों के स्वर बदले पर
क्या गीत पुराना बदल गया ?
मोहग्रस्त बीमार
रिवाजों के हम
अब तक साथ चले
ना कथनी की
आँख खुली है
ना करनी के दिन बदले
बदलो तुम और बदले हम
तो लगे की हाँ कुछ बदल गया
-सीमा अग्रवाल
बदलो तुम और बदले हम
तो लगे की हाँ कुछ बदल गया
बहुत सुंदर
बधाई सीमा जी..
वाह सीमा जी, बहुत सुंदर नवगीत वो भी पहले नंबर पर!हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंमजबूरी की आह
जवाब देंहटाएंअभी तक
भिंची हुयी है मुट्ठी में
नम आँखों की चाह
अब तलक बंद
पुरानी चिट्ठी में
कंठों के स्वर बदले पर
क्या गीत पुराना बदल गया ? .......... सुंदर नवगीत सीमा जी
बदलो तुम और बदले हम
जवाब देंहटाएंतो लगे कि हाँ कुछ बदल गया ।
सुन्दर भावपूर्ण नवगीत के लिए सीमा जी को बधाई ।
सीमा जी का नवगीत बहुत सुंदर है। बधाई उन्हें
जवाब देंहटाएंना कथनी की
जवाब देंहटाएंआँख खुली है
ना करनी के दिन बदले
बदलो तुम और बदले हम
तो लगे की हाँ कुछ बदल गया .. बहुत खूब सीमा जी. सुन्दर नवगीत के लिये हार्दिक बधाई.
मोहग्रस्त बीमार
जवाब देंहटाएंरिवाजों के हम
अब तक साथ चले
ना कथनी की
आँख खुली है
ना करनी के दिन बदले .. बहुत सुन्दर सीमा जी.बधाई
सार्थक प्रस्तुति हेतु बधाई सीमा जी!.
जवाब देंहटाएंमजबूरी की आह
जवाब देंहटाएंअभी तक
भिंची हुयी है मुट्ठी में
नम आँखों की चाह
अब तलक बंद
पुरानी चिट्ठी में
कंठों के स्वर बदले पर
क्या गीत पुराना बदल गया ?
..बहुत सुन्दर गीत