पक्के से
प्यार की डाल गया बीम
झूम झूम गायेगा आँगन का नीम
कच्ची निम्बोली
और सावन के गीत
साँसों में जाग गयी नैहर की प्रीत
रीत,रीत जाए न आशा-असीम
पिलखन और
निमिया की ठंडी सी छाँव
मन पाखी ढूँढ़ फिरा पहले सा गाँव
कड़वी दवाई दे मीठा हकीम
सपना सवेरे
का होगा साकार
पाऊँगी फिर से मैं साझा सा प्यार
अम्मा और बाबा न होंगे तक़सीम
-ज्योत्स्ना शर्मा
(वापी)
प्यार की डाल गया बीम
झूम झूम गायेगा आँगन का नीम
कच्ची निम्बोली
और सावन के गीत
साँसों में जाग गयी नैहर की प्रीत
रीत,रीत जाए न आशा-असीम
पिलखन और
निमिया की ठंडी सी छाँव
मन पाखी ढूँढ़ फिरा पहले सा गाँव
कड़वी दवाई दे मीठा हकीम
सपना सवेरे
का होगा साकार
पाऊँगी फिर से मैं साझा सा प्यार
अम्मा और बाबा न होंगे तक़सीम
-ज्योत्स्ना शर्मा
(वापी)
खूबसूरत रचना.
जवाब देंहटाएंपक्के से प्यार की
जवाब देंहटाएंडाल गया बीम ,
झूम झूम गायेगा
आँगन का नीम |...बहुत सुन्दर मुखड़े के साथ आगे को बढ़ता गीत मन को मुग्ध कर गया ..बहुत बहुत बधाई ज्योत्सना जी इस सुन्दर नवगीत के लिए
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और प्यारा गीत ज्योत्सना जी, हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंjhoom jhoom aayega aangan ka neem , bahut sundar
जवाब देंहटाएंमन पाखी ढूँढ़ फिरा पहले सा गाँव
जवाब देंहटाएंकड़वी दवाई दे मीठा हकीम.
एक खूबसूरत नवगीत ज्योत्स्ना जी।
मन पाखी ढूँढ़ फिरा पहले सा गाँव
जवाब देंहटाएंकड़वी दवाई दे मीठा हकीम.
एक खूबसूरत नवगीत ज्योत्स्ना जी।
सुंदर नवगीत के लिए ज्योत्स्ना जी को बधाई
जवाब देंहटाएंपक्के से
जवाब देंहटाएंप्यार की डाल गया बीम...
सुन्दर नवगीत के लिए शुभकामनाएं।