नेता, अभिनेता, व्यापारी
जनता के सेवक अधिकारी
वे डॉक्टर ये अभियन्ता
नई फसल के संता बंता
अहंकार सबने पाले हैं
कुछ ने कम, कुछ ने कुछ ज्यादा
मंत्री बने मार ली बाजी
चलें क्यों धरती पर नेताजी
पुत्र भतीजा भाई नाती
शेष रहा नहिं कोई घराती
अहंकार सबने पाले हैं
कुछ ने कम, कुछ ने कुछ ज्यादा
अभिनेता के सचिव, संयोजक
गीतकार, कवि, धन-विनियोजक
निर्देशक, सज्जा शृंगारी
डुप्लीकेट और दरबारी
अहंकार सबने पाले हैं
कुछ ने कम, कुछ ने कुछ ज्यादा
व्यापारी व्यवसायी काले
कपड़े पहने खूब उजाले
परमिट पाकर कोटा खोरी
पैसे के हित हुए अघोरी
अहंकार सबने पाले हैं
कुछ ने कम, कुछ ने कुछ ज्यादा
-लक्ष्मीनारायण गुप्त
ग्वालियर
जनता के सेवक अधिकारी
वे डॉक्टर ये अभियन्ता
नई फसल के संता बंता
अहंकार सबने पाले हैं
कुछ ने कम, कुछ ने कुछ ज्यादा
मंत्री बने मार ली बाजी
चलें क्यों धरती पर नेताजी
पुत्र भतीजा भाई नाती
शेष रहा नहिं कोई घराती
अहंकार सबने पाले हैं
कुछ ने कम, कुछ ने कुछ ज्यादा
अभिनेता के सचिव, संयोजक
गीतकार, कवि, धन-विनियोजक
निर्देशक, सज्जा शृंगारी
डुप्लीकेट और दरबारी
अहंकार सबने पाले हैं
कुछ ने कम, कुछ ने कुछ ज्यादा
व्यापारी व्यवसायी काले
कपड़े पहने खूब उजाले
परमिट पाकर कोटा खोरी
पैसे के हित हुए अघोरी
अहंकार सबने पाले हैं
कुछ ने कम, कुछ ने कुछ ज्यादा
-लक्ष्मीनारायण गुप्त
ग्वालियर
व्यापारी व्यवसायी काले
जवाब देंहटाएंकपड़े पहने खूब उजाले
परमिट पाकर कोटा खोरी
पैसे के हित हुए अघोरी
छिपे हुए चेहरों की पोल खोलते हुए सुंदर नवगीत के लिए लक्ष्मीनारायण जी को हार्दिक बधाई
व्यापारी व्यवसायी काले
जवाब देंहटाएंकपड़े पहने खूब उजाले
परमिट पाकर कोटा खोरी
पैसे के हित हुए अघोरी....... हकीकत से रूबरू कराता सुंदर गीत, बधाई।
अनैतिक राज-समाज का कच्चा चिट्ठा।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर! सच कितनी सुन्दरता से उकेरा गया है!
जवाब देंहटाएंसटीक !
जवाब देंहटाएंयथार्थ का बहुत बढ़िया चित्रण, सुन्दर नवगीत के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना के लिए लक्ष्मीनारायण जी को बधाई
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