30 दिसंबर 2013

२०. नव वर्ष के स्वागत में

नवगीतों की लिए चेतना
नवजीवन शृंगार लिखें
नव वर्ष के
स्वागत में हम शब्द सुमन
मनुहार लिखें

अनुबंधों की इस दुनिया में
समय कभी न बँध पाया
जो बीत गया सो बीत गया
वो लौट कभी न फिर आया

मधुर मधुर
यादों से अपनी रोज नया
त्यौहार लिखें

पिछले सारे दुःख छूटेंगे
पिछले सारे सुख छूटेंगे
नेह बंध से कोई जुड़े तो
कोई पल भर में टूटेंगे

किन्तु चलना
ही जीवन है कभी न मन
की हार लिखें

नया है सूरज नई हैं किरणें
नई नई हैं आशाएँ
हाथ थामकर इक दूजे का
कहीं दूर हम में उड़ जाएँ

वर्तमान के
नीलगगन पर आओ चलो
हम प्यार लिखें

-नितिन जैन
(छिंदवाड़ा)

2 टिप्‍पणियां:

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