आँगन बजता गाजा –बाजा
सजा सजीला घर दरवाजा
गलियाँ रस्ते तंग
सुनो जी! शादी रंगा-रंग।
दुल्हा लगता खासा लाला
होठों पे रख पान मसाला
पिएँ बाराती भंग
सुनो जी शादी रंगा-रंग।
चले पटाखे आगे-आगे
डर-डर घोड़ी पीछे भागे
दुल्हन रह गई दंग
सुनो जी शादी रंगा-रंग।
परिधानों की होड़ लगी जी
पकवानों की धाक जमी जी
मेहमानों में जंग
सुनों जी! शादी के ये रंग।
रिश्तेदारी चहुँदिशाएँ
किसे भुलाएँ, किसे बुलाएँ
न्योता था बेढंग
सुनो जी! शादी थी बेरंग।
-शशि पाधा
(यू.एस.ए.)सजा सजीला घर दरवाजा
गलियाँ रस्ते तंग
सुनो जी! शादी रंगा-रंग।
दुल्हा लगता खासा लाला
होठों पे रख पान मसाला
पिएँ बाराती भंग
सुनो जी शादी रंगा-रंग।
चले पटाखे आगे-आगे
डर-डर घोड़ी पीछे भागे
दुल्हन रह गई दंग
सुनो जी शादी रंगा-रंग।
परिधानों की होड़ लगी जी
पकवानों की धाक जमी जी
मेहमानों में जंग
सुनों जी! शादी के ये रंग।
रिश्तेदारी चहुँदिशाएँ
किसे भुलाएँ, किसे बुलाएँ
न्योता था बेढंग
सुनो जी! शादी थी बेरंग।
-शशि पाधा
सुंदर गीतमय प्रस्तुति से शुभारंभ के लिए शशि जी को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंकल्पना जी , आपका आभार |
हटाएंगीत बहुत खूब्सूरत है इस रूप में विदेशों में हिंदी और हिदुस्तान को जिंदा रखने केलिये साधुवाद
जवाब देंहटाएंशादी का वातावरण बाँधने का प्रयत्न है इस नवगीत मैं | आपने सराहा, धन्यवाद |
हटाएंकाफी उम्दा प्रस्तुति.....
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (02-02-2014) को "अब छोड़ो भी.....रविवारीय चर्चा मंच....चर्चा अंक:1511" पर भी रहेगी...!!!
- मिश्रा राहुल
मिश्रा राहुल जी, प्रतिक्रियाएं लेखन को प्रवाह देती हैं | आपका धन्यवाद |
हटाएंबहुत सुन्दर गीत शशि जी , आंनद आ गया पदकर ..शुभारंभ के लिए आपको हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंशशि, आपको आनन्द आया, मुझे भी लिखने में आया था | धन्यवाद |
हटाएंबहुत सुन्दर नवगीत शशि जी! शादी का चित्र आँखों मेम आगया।
जवाब देंहटाएंआदरणीय हरिहर जी, आपने गीत को सराहा, लेखनी मुदित हुई |
हटाएंधन्यवाद |
यह गीत शादी के रँगा- रंग वातावरण को शब्दों द्वारा प्रस्तुत करने के उद्देश्य से लिखा गया था | आप सब गुणी जनों ने इसे सराहा | आपका हार्दिक आभार और धन्यवाद पूर्णिमा जी आपका |
जवाब देंहटाएंबहुत खूब शशि पाधा जी। बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंसज्जन धर्मेन्द्र जी, बहुत दिनों के बाद आपसे मिलना हो रहा है इस मंच पर | धन्यवाद रचना की सराहने के लिए |
हटाएंबहुत सुन्दर नवगीत के लिए शशि जी को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंसुरेन्द्रपाल वैद्य जी, कविजन किसी रचना को सराहें, रचनात्मकता प्रेरित हो जाती है | धन्यवाद |
हटाएंवैवाहिक समारोह के दृश्य को जैसे आपने सामने ला दिया..
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ
सौरभ जी, जानती हूँ नवगीत बहुत ही सादा शब्दों में बांधा था | बस दृश्य को उकेरना था | आपको यह गीत पसंद आया --धन्यवाद |
हटाएंशादी की मस्ती के माहौल को सुन्दर शब्दों में बांधता है यह गीत..बधाई शशि जी आपको.
जवाब देंहटाएंपरमेश्वर जी, मुझे स्वयं शादी के अवसरों में मस्ती करना और देखना बहुत भला लगता है | बस यही प्रस्तुत किया | आपका धन्यवाद |
हटाएंमोहक गीत शशि जी
जवाब देंहटाएंमोहक गीत शशि जी
जवाब देंहटाएंनवगीत आपको पसंद आया , हार्दिक आभार कृष्ण नंदन जी |
हटाएंबहुत ही सुंदर लिखा...वाह..
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